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वृंदावन में आकार ले रहा श्री चित्रगुप्त का मंदिर

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नेपाल से आएगी श्री चित्रगुप्त व पशुपतिनाथ की प्रतिमा के लिए शिला

अरुण कुमार माथुर. जोधपुर

राजस्थान के पत्थर से अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण होने के बाद अब मथुरा जिले के वृन्दावन धाम में कायस्थ समाज के आराध्य भगवान श्री चित्रगुप्त के मंदिर को आकार दिया जा रहा है। तीन तलीय इस मन्दिर के निर्माण में बंशी पहाड़पुर के पत्थर का उपयोग किया जा रहा है। यह मन्दिर दीपावली तक भक्तों के लिये बनकर तैयार हो जायेगा। वृन्दावन में बन रहे श्री चित्रगुप्त मन्दिर निर्माण में भरतपुर जिले के रूपवास क्षेत्र में स्थित बंशी पहाड़पुर के लाल पत्थर का इस्तेमाल किया जा रहा है जो कि दुनिया भर में प्रसिद्ध है।

पहाड़पुर के पत्थर की खासियत है कि यह हजारों सालों तक खराब नहीं होता और न ही इसकी चमक पर कोई असर पड़ता है। श्री चित्रगुप्त पीठ वृन्दावन राजस्थान प्रान्त की प्रमुख रेणु श्रीवास्तव व मीडिया प्रभारी अरूण माथुर ने बताया कि राधा-कृष्ण की नगरी वृन्दावन में बनाये जा रहे श्री चित्रगुप्त मन्दिर निर्माण में राजस्थान के पत्थर का उपयोग इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि यह सालों तक खराब नहीं होता है और न ही इसकी चमक पर कोई असर पड़ता है। उन्होंने बताया कि प्राचीन इमारतों से आधुनिक समय के मन्दिर व होटलों में इस पत्थर का उपयोग किया जाता रहा है। नक्काशी के मामले में भी इस पत्थर का कोई मुकाबला नहीं है। यह पत्थर बारिश के दिनों में दुगुनी चमक देता है। यही वजह है कि देश विदेश में इस पत्थर की मांग अधिक है। उन्होंने बताया कि यह पत्थर सबसे ज्यादा चर्चा में राम मन्दिर निर्माण के दौरान आया था। राम मंदिर से ही अक्षरधाम मंदिर, विधानसभा, संसद आदि के साथ साथ प्राचीन महल, मंन्दिर व किलों में भी इसका प्रयोग किया गया है। इस पत्थर की मियाद पांच हजार साल से अधिक है। इसमें जितनी अधिक बारिश होती है उतनी चमक इस पथर पर आती है। इस पत्थर के कारण ही बंशी पहाड़पुर की अलग पहचान बनी हुई है। उन्होंने बताया कि पत्थर के महत्व को ध्यान में रखते हुए श्री चित्रगुप्त पीठ के पीठाधीश्वर सच्चिदानन्द पशुपतिनाथ महाराज ने राजस्थान के इस पत्थर का मन्दिर निर्माण में उपयोग किया। यह मंन्दिर दीपावली तक बन कर तैयार हो जायेगा और भक्तों के लिये खोल दिया जायेगा।

तीन तलीय होगा श्री चित्रगुप्त का मन्दिर

वृन्दावन धाम के ब्रज शांतिकुंज गोवर्धन मार्ग सूरज कुंड ग्राम जुल्हेंदी बन रहे भगवान श्री चित्रगुप्त के मन्दिर की खास बात यह है कि यहां पर तीन तलीय मंन्दिरों के साथ-साथ जल परिक्रमा, नक्षत्र वाटिका, गुरुकुल विद्यालय, पुस्तकालय, आश्रम, घर-आंगन, ध्यान केन्द्र, पंचकर्म आदि स्थान भी बनाया जाना प्रस्तावित है। श्री चित्रगुप्त पीठ राजस्थान प्रान्त प्रमुख रेणु श्रीवास्तव व मीडिया प्रभारी अरुण माथुर के अनुसार तीन तलीय भगवान श्री चित्रगुप्त मन्दिर के प्रथम तल पर श्री चित्रगुप्त, दोनों मातायें और बारह पुत्रों के साथ विराजमान होंगे। जबकि द्वितीय तल पर भगवान पशुपतिनाथ और भगवान खाटू श्याम जी, तृतीय तल पर भगवान राधा-कृष्णजी के मंदिर के साथ साथ गोवर्धन पर्वत का निर्माण होगा।

मन्दिर निर्माण में नहीं होगा स्टील का प्रयोग

श्री चित्रगुप्त पीठ के पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर सच्चिदानन्द पशुपतिनाथ महाराज ने बताया कि विद्धानों व श्री चित्रगुप्त के भक्तों की अपार श्रद्धा को देखते हुए इस मन्दिर के निर्माण पर विशेष ध्यान रखा गया है। भव्य व दिव्य मन्दिर का जो निर्माण किया जा रहा है उसमें कहीं पर भी स्टीन का उपयोग नहीं किया जायेगा । उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से अयोध्या में भगवान श्रीराम की प्रतिमा के लिये नेपाल से शिला आई। उसी प्रकार से भगवान चित्रगुप्त व पशुपतिनाथ की प्रतिमा के लिये नेपाल से शिला आयेगी।

Rising Bhaskar
Author: Rising Bhaskar


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