पंकज बिंदास. जोधपुर
श्री जागृति संस्थान के स्थापना दिवस पर बुधवार को मधुबन में काव्य गोष्ठी आयोजित की गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार अशफाक अहमद फौजदार थे। विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ चिंतक और कलमकार श्याम गुप्ता शांत और रजनी प्रजापत थे। अध्यक्षता संस्थान के संरक्षक वरिष्ठ एडवोकेट एनडी निंबावत ने की।
कार्यक्रम का आगाज यशोदा माहेश्वरी ने गणेश वंदना से किया। छगन राव ने मां बाप के पास रहना क्यों नहीं स्वीकार है…पंक्तियों से परिवार के विखंडन और रिश्तों में आई दरार को रेखांकित किया। हर्षद भाटी ने आम आदमी की पीड़ा को स्वर दिए। पंकज बिंदास ने कभी खुशी गम…गीत सुनाया। तृप्ति गोस्वामी काव्यांशी ने उम्र पचपन की दिल बचपन का रचना सुनाई। दीपा राव ने हम यहां और बसर क्या करते, आपके बिन भी इधर क्या करते रचना सुनाई। राखी पुरोहित ने छोड़ गए सब साथी मेरे और दिलीप पुरोहित ने फरेब की रोशनी से तंग हो लो अपने जहां में अंधेरा करें रचना पेश की। उत्तम जांगिड़ ने कभी किसी को बुरे, कभी किसी को अच्छे लगे…रचना पेश की। राजेंद्र खींवसरा ने मैंने बनाया बहुत भव्य मकान…कविता के माध्यम से जीवन की हकीकत को उजागर किया। अशफाक अहमद फौजदासर ने यारों मेरा दिल बेकरार है…कलाम पेश किया। श्याम गुप्ता शांत ने बर्फ बना बेबस बाप रचना के माध्यम से नई पीढ़ी की फितरत को उजागर किया। रजनी प्रजापत ने देशभक्ति की रचनाएं पेश की। नारी तुम महान हो के माध्यम से नारी सशक्तिकरण पर जोर दिया। एनडी निंबावत ने शृंगार गीत सुनाया और संस्था के स्थापना दिवस की शुभकामना दी। अनिता जांगिड़ और स्नेहलता सुथार ने भी रचनाएं पेश की।