ए-जमीन-ए-वतन
ए-जमीन-ए-वतन, ए-ज़मीन-ए-वतन ।
तुझको मेरा नमन, तुझको मेरा नमन ।।
आबरू तेरी जाने ना देंगे कभी ।
जब तलक बाजुओं में हमारे हैं दम।।
दुश्मनों के इरादों का कर देंगे दमन ।।।
ए- जमीन…………………!
हौसले हैं बुलन्द, छू लेंगे गगन ।
कोई छू के तो देखे हमारी तपन।।
बांधे रखते हैं सर पे हर दम कफ़न ।।।
ए-जमीन…………………..!
तेरी शान-ओ-शौकत जमाने भर में है।
ऊंचे आकाश के चांद – सितारों में है।।
खुशियों से भर देंगें ये सारा चमन ।।।
ए-जमीन……………………….!
बदल के रख देंगे जमाने की तशवीर ।
चमकेगी जमाने में जय हिन्द की शमशीर।।
जमाने भर को देंगें हम तौफा-ए-अमन।।।
ए-ज़मीन………………………..!
ये तिरंगा करोड़ों के दिलों की है धड़कन।
हर इक के दिलों में बसा है जन-गण-मन।।
शहीदों की शहादत को करते हैं नमन।।।
ए-जमीन……………………….!
फूले – फले सदा भारत का ये चमन ।
सदभाव से आतंक को कर देंगे दफन।।
“जिओ और जीने दो”की है हमारी लग्न।।।
ए-जमीन-ए-वतन, ए-ज़मीन-ए-वतन ।
तुझको मेरा नमन, तुझको मेरा नमन ।।
मईनुदीन कोहरी ‘नाचीज़ बीकानेरी‘
मोहल्ला कोहरियांन बीकानेर 334001
मो 9680868028
