पारस शर्मा. जयपुर
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर के कुलपति प्रोफेसर (वैद्य) प्रदीप कुमार प्रजापति राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (डीम्ड यूनिवर्सिटी), जयपुर में 50वें स्थापना दिवस (स्वर्ण जयंती) के उपलक्ष्य में 24-25 जनवरी 2025 को तीसरे एल्युमिनी मीट (पूर्व छात्र सम्मेलन) और अग्निकर्म पर कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। यह आयोजन संस्थान के पूर्व छात्रों और वर्तमान शैक्षणिक परिवार के बीच संवाद, अनुभव साझा करने और आयुर्वेद चिकित्सा के आधुनिक और परंपरागत दृष्टिकोणों को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करता है।
अपने संबोधन में उन्होंने पूर्व छात्रों और वर्तमान विद्यार्थियों को शुभकामनाएँ दीं और आयुर्वेद चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए संस्थान की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि “राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान ने पिछले 50 वर्षों में आयुर्वेद शिक्षा और शोध में अतुलनीय योगदान दिया है। इस एल्युमिनी मीट से सभी प्रतिभागियों को परस्पर संवाद और आयुर्वेद के विकास की दिशा में नई संभावनाएँ खोजने का अवसर मिलेगा।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण अग्निकर्म पर कार्यशाला रहा, जिसमें आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के इस प्राचीन और प्रभावी उपचार के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। विशेषज्ञों ने इसके उपयोग, तकनीक और आधुनिक परिप्रेक्ष्य में इसके महत्व को रेखांकित किया। कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान और पूर्व छात्र कल्याण संघ, एनआईए जयपुर द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इस अवसर पर पूर्व छात्रों ने संस्थान के प्रति अपने अनुभव साझा किए और आयुर्वेद चिकित्सा को जन-जन तक पहुँचाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।
