राखी पुरोहित. बीकानेर
बज़्म-ए-वली संस्था लालगढ़ की तरफ से महाराजा नरेंद्र सिंह ऑडिटोरियम श्री जुबिली नागरी भण्डार में आयोजित हुए सम्मान समारोह में नगर के चार नामचीन शाइरों बुनियाद ज़हीन, डॉ. ज़िया उल हसन क़ादरी, वली मोहम्मद ग़ौरी और असद अली ‘असद’ को सम्मान पेश किया गया। सम्मान के तौर पर प्रोग्राम के मेहमानों द्वारा सम्मानित होने वाली चारों शख़्सियतों को शॉल, माल्यार्पण, निशान-ए-यादगार और चांदी का मेडल पेश किया गया।
वरिष्ठ उर्दू शाइर ज़ाकिर अदीब ने सम्मान समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सम्मान से ज़िम्मेदारी बढ़ जाती है। आपने संक्षेप में बीकानेर उर्दू अदब के इतिहास पर भी रोशनी डाली। आपने कहा कि एज़ाज़ करना ज़िंदा क़ौम की निशानी है। सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि हाजी मक़सूद अहमद ने अपनी बात पेश करते हुए कहा कि यह शाइरों का नहीं बीकानेर के अदब का एज़ाज़ है और आने वाली नस्लें इन से फ़ायदा उठाएंगी। विशिष्ट अतिथि रामपुरिया कॉलेज की उर्दू व्याख्याता डॉ. शकीला बानो ने शाइर और शाइरी के फ़न पर अपनी बात रखते हुए कहा कि बीकानेर के शाइरों ने शाइरी के मैदान में अपनी बेहतरीन ख़िदमात अंजाम दी हैं और बज़्म-ए-वली शाइरों का सम्मान करके बहुत ही नेक कार्य कर रही है। बज़्म-ए-वली के अध्यक्ष इस्हाक़ ग़ौरी शफ़क़ ने कहा कि संस्था आगे भी शाइरों, कवियों और अदीबों के सम्मान के क्रम को जारी रखेगी तथा मुशाएरे भी आयोजित करवाती रहेगी।
सम्मान समारोह एवं मुशाएरा का संचालन करते हुए शाइर क़ासिम बीकानेरी ने कहा कि बज़्म-ए-वली की अदब के क्षेत्र में की गई ख़िदमात बेमिसाल हैं इसके लिए संस्था के सभी पदाधिकारी मुबारकबाद के मुस्तहक हैं। इस मौक़े पर एक ग़ैर तरही मुशाएरा भी आयोजित किया गया। जिसमें नगर के शाइरों ने अपना बेहतरीन कलाम पेश करके श्रोताओं से भरपूर दाद हासिल की। मुशाएरे में ज़ाकिर अदीब, इस्हाक़ ग़ौरी शफ़क़, क़ासिम बीकानेरी, इमदाद उल्लाह बासित, डॉ.ज़िया उल हसन क़ादरी, बुनियाद हुसैन ज़हीन, वली मोहम्मद गौरी,असद अली असद, कमल रंगा, निर्मल कुमार शर्मा, माजिद ख़ान ग़ौरी, प्रमोद कुमार शर्मा, जब्बार जज़्बी, मोइनुद्दीन मुईन ,शारदा भारद्वाज एवं जुगल किशोर पुरोहित ने अपना उम्दा कलाम पेश किया।
सम्मान समारोह एवं मुशाएरे में एडवोकेट इसरार हसन क़ादरी, साजिद खान ग़ौरी, डॉ. मोहम्मद फ़ारूक़ चौहान, हाजी सय्यद अख़्तर अली, सय्यद साबिर गोल्डी, मोहम्मद सलीम,गिरिराज पारीक, उर्दू व्याख्याता सईद अहमद, गंगा विशन बिश्नोई ब्रह्मा, मोहम्मद यासीन, सरताज समदानी, इमरोज ग़ौरी, मधुरिमा सिंह, घनश्याम सिंह, साहिबा रज़्ज़ाक़ी, जीतू बीकानेरी व शमीम अहमद ‘शमीम’ सहित अनेक लोग मौजूद थे।समारोह के प्रारंभ में स्वागत उद्बोधन इमदाद उल्लाह बासित ने जबकि अंत में आभार कुंवर नियाज़ मोहम्मद ने ज्ञापित किया जबकि संचालन शाइर क़ासिम बीकानेरी ने किया।
