लक्ष्मीनाथजी के मंदिर के फाग महोत्सव का पुराना वीडियो इन दिनों खूब वायरल हो रहा है, जिसमें जैसलमेर के पूर्व महारावल स्व.बृजराज सिंह फाग महोत्सव में उत्साह से भाग ले रहे हैं…
डीके पुरोहित. जैसलमेर
जैसलमेर की गलियारों से साथ छूटे करीब 22 साल होने को है। इन 22 सालों में होली का पर्व भी लगभग पीछे छूट गया। मगर जैसलमेर की यादें आज भी होली का वो उल्लास मन में आनंद की अनुभूति करवाता है। जैसलमेर की गेरे और गोठ-परंपराएं महारावल के समय से हमारी विरासत का अटूट बंधन है। यह बंधन हमारी परंपराओं को राज घरानों के साथ उदात्त संबंधों से जोड़ती आई है। जैसलमेर में जब पुष्करणा ब्राह्मणों की गेरे निकलती हैं तो राज परिवार के आंगन में पहुंचती है और श्लील गाली गायन होता है। राज परिवार के मुखिया इसमें बड़े ही प्रेम से भाग लेते हैं और किसी तरह का वे बुरा नहीं मानते। रंग-गुलाल और श्लील गायकी में भीगी गेरों का उल्लास चरम पर होता है। राजा और पुष्करणा समाज के लोग मस्ती में झूमते हैं। ऐसे ही आनंदमयी पलों को अब भी लोग जीते हैं। बात जब श्लील गाली गायन और गेरों की हो रही है तो हमारे जेहन में पूर्व महारावल स्व. बृजराज सिंह का चेहरा अनायास सामने आ जाता है। पूर्व महारावल बृजराज सिंह बेहद सुंदर थे। उनकी सुंदरता की चर्चा पूरी दुनिया में होती थी और उन्हें राजघराने के सदस्य के रूप में पूरी दुनिया में सुंदरता में मिसाल के रूप में लिया जाता था।
बृजराज सिंह अपनी सौम्य मुस्कान के साथ काफी आकर्षक लगते थे। वे हमेशा जनता के साथ मधुर संबंध बनाए रखे रहे। उन्होंने जीवन के हर पल को जिया। सोनार किले में लक्ष्मीनाथ जी के मंदिर में जब फाग उत्सव मनाया जाता था तो पूर्व महारावल बृजराज सिंह अक्सर उसमें शरीक होते थे। होली के अवसर पर लक्ष्मीनाथजी मंदिर में फाग गाकर ही होली उत्सव का आगाज होता आया है। लक्ष्मीनाथजी जैसलमेर के आराध्य देव हैं। दुनिया को संचालित करने वाले लक्ष्मीनाथ देव ही हैं। जैसलमेर में लक्ष्मीनाथजी का मंदिर कला और स्थापत्य का नायाब नमूना है। यहां देशी-विदेशी सैलानी आकर घंटों निहारते रहते हैं। सोनार किले की शान भी लक्ष्मीनाथजी का मंदिर ही है। सोनार किले के लोग ही नहीं जैसलमेर पूरे से लोग सुबह मंगला आरती में लक्ष्मीनाथजी के मंदिर में शामिल होते हैं। यहां मंदिर की आन-बान-शान देखते ही बनती है।
मंदिर में इन दिनों होली में फाग महोत्सव की धूम रही है। पर लोग आज भी पूर्व महारावल स्व. बृजराज सिंह को नहीं भूले हैं और इन दिनों पूर्व महारावल स्व. बृजराज सिंह के पुराने फाग महोत्सव के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। लोगों को पुराने वीडियो देखकर पुराने दिनों का अहसास हो रहा है, वहीं कई लोगों को आज भी अपने पूर्व महारावल को असमय खोने का दुख है। मगर विधि के आगे किसका जोर चलता है। जैसलमेर ने अपने पसंदीदा महारावल को खोया जरूर है, मगर उनकी यादे आज भी जैसलमेर के लोगों के दिल में जिंदा है। राइजिंग भास्कर के हाथ पूर्व महारावल स्व. बृजराज सिंह का लक्ष्मीनाथजी के मंदिर में फाग खेलते का एक वीडियो हाथ लगा है। इस वीडियो में पूर्व महारावल काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं। उनका उत्साह चरम पर देखा जा सकता है। यही जैसलमेर की ताकत रही है। यहां लक्ष्मीनाथजी का मंदिर राजा और रंक का भेद भुला देता है। लक्ष्मीनाथजी के दरबार में राजा भी आम आदमी के साथ सिर झुकाता है। होली के उल्लास में ऐसे वीडियो से एक बार पुन: जैसलमेर के पूर्व महारावल की यादें ताजा हो गईं।
