डी के पुरोहित. जोधपुर
एक समाचार पत्र की खबर का हेडिंग देखिए… और जज का फैसला… हम कुछ नहीं कह रहे. जज खुद कह रहे हैं, इलाज में जानबूझकर लापरवाही नहीं हुई यानी लापरवाही तो हुई पर जानबूझकर नहीं. फिर आरोपी तो बरी होने ही थे… ये पब्लिक है सब कुछ जानती है…
