डी के पुरोहित. अहमदाबाद
शाहीबाग-गिरधरनगर जैन संघ में एक भावविभोर करने वाला महोत्सव संपन्न हुआ, जिसमें गढ़सिवाना निवासी सुरेशभाई पारसमल बागरेचा के पुत्र मुमुक्षु चरित्रभाई बागरेचा, उनकी धर्मपत्नी मुमुक्षु दीपिकाबेन तथा पुत्र शाश्वत ने वैराग्य मार्ग को स्वीकार करते हुए संयम जीवन की ओर कदम बढ़ाया।
इस विशेष अवसर पर श्रमणी गणनायक आचार्य रश्मिरत्नसूरि महाराज ने पूरे बागरेचा परिवार को दीक्षा का शुभ मुहूर्त प्रदान करते हुए 30 नवम्बर 2025, मगसर सुद दशमी का पावन दिन घोषित किया। जब आचार्य श्री ने “जैनम जयति शासनम्” के जय घोषों के बीच मुहूर्त पढ़ा, तब वातावरण वैराग्यमय और भक्तिभाव से परिपूर्ण हो गया।
दीक्षा लेने वाले मुमुक्षुओं ने जब अपने भावपूर्ण व्यक्तव्य मंच पर प्रस्तुत किए, तो उपस्थित जनसमुदाय भावविभोर हो गया। पति, पत्नी और पुत्र – तीनों की वाणी में त्याग, वैराग्य और आध्यात्मिक जिज्ञासा की झलक स्पष्ट थी। इनके प्रेरक वक्तव्यों से सभी उपस्थित श्रद्धालु प्रभावित एवं धन्य हुए।
इस अवसर पर श्री महावीर शासन स्थापना महोत्सव समिति के राष्ट्रीय महामंत्री धनराज विनायकिया ने जानकारी देते हुए बताया कि यह दीक्षा समारोह 451 दीक्षादानेश्वरी आचार्य गुणरत्नसूरि के आजीवन चरणोपासक आचार्य रश्मिरत्नसूरि महाराज साहेब की निश्रा में आयोजित हुआ। यह गौरव का क्षण रहा जब बागरेचा व विनायकिया परिवार ने मिलकर जिनशासन का नाम उन्नत किया।
मुमुक्षु चरित्रभाई का ससुराल खंडप है, जबकि मुमुक्षु दीपिकाबेन खंडप निवासी श्रावक प्रकाशकुमार विनायकिया की सुपुत्री हैं। इस पुण्य अवसर पर जैन ही नहीं, अपितु अजैन समाज के श्रद्धालुओं ने भी इस संयम पथ की अनुमोदना की।
गुरुदेव रश्मिरत्नसूरि महाराज ने अपने प्रवचन में कहा, “चार आत्माएं कृतज्ञता की पात्र हैं – दीक्षा लेने वाला, दीक्षा का पालन करने वाला, माता-पिता व परिवार जो अनुमति देते हैं, और अनुमोदना करने वाला संघ। इन सभी को ज्ञानी जनों ने वंदन किया है।”
इस मौके पर 108 युवक-युवतियों ने संयम मार्ग पर अपने जीवन को पवित्र बनाने की भावना प्रकट की। इसके साथ ही, मुनि भव्यरत्न विजय (भवरभाई दोसी) के तपस्वी संयम जीवन की दसवीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में शास्त्रीय सामायिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया, जो इस धार्मिक पर्व का प्रमुख आकर्षण रहा।
यह महोत्सव न केवल बागरेचा एवं विनायकिया परिवार के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक प्रेरणास्पद और गौरवपूर्ण क्षण रहा, जिसने जिनशासन की प्रभावना को एक नई ऊंचाई प्रदान की।
मुख्य बिंदु संक्षेप में:
दीक्षा लेने वाले: मुमुक्षु चरित्रभाई, दीपिकाबेन और शाश्वत
दीक्षा मुहूर्त: 30 नवम्बर 2025, मगसर सुद दशमी
स्थान: शाहीबाग-गिरधरनगर जैन संघ, अहमदाबाद
आयोजक: आचार्य रश्मिरत्नसूरि की निश्रा में
प्रेरक वक्तव्य: तीनों मुमुक्षुओं के वचनों ने सभा को भावविभोर किया




