हिंदी, उर्दू एवं राजस्थानी भाषा की काव्य सरिता प्रवाहित हुई
राखी पुरोहित. बीकानेर
स्वास्थ्य एवं साहित्य संगम के राष्ट्रीय कवि चौपाल की तरफ से शार्दुल स्कूल मैदान स्थित राजीव गांधी भ्रमण पथ स्थित पंचवटी में स्वास्थ्य एवं साहित्य संगम राष्ट्रीय कवि चौपाल के साप्ताहिक काव्य पाठ कार्यक्रम की 467वीं कड़ी आयोजित की गई।
कार्यक्रम समन्वयक क़ासिम बीकानेरी में बताया कि आज हुई काव्य गोष्ठी में नगर के हिंदी, उर्दू एवं राजस्थानी भाषा के युवा एवं वरिष्ठ रचनाकारों ने काव्य की सरिता प्रवाहित की। सभी रचनाकारों की रचनाओं पर श्रोताओं ने भरपूर पसंद किया और दाद देकर कवियों,शायरों एवं कवयित्रियों की ख़ूब हौसला अफ़ज़ाई की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता राजस्थानी एवं हिंदी भाषा के वरिष्ठ साहित्यकार सरदार अली पड़िहार ने की। आपने अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कहा कि कवि चौपाल मैं आकर आधुनिक आनंद और दिल को सुकून मिलता है। प्राकृतिक वातावरण में काव्य पाठ करने से तन और मन प्रफुल्लित हो जाता है।
काव्य गोष्ठी के मुख्य अतिथि हंसराज साध ने कहा कि कभी चौपाल में आकर सभी कवि और श्रोता आध्यात्मिक रंग में रंग जाते हैं। कविताओं कवियों की कविताओं से मन प्रसन्न हो जाता है।काव्य गोष्ठी के विशिष्ट अतिथि गोरखपुर मूल के कवि आशुतोष शुक्ल ने कहा की उन्हें पूरे देश के कई हिस्सों में जाने का अवसर मिला लेकिन इस तरह का काव्य पाठ का कार्यक्रम उन्हें कहीं और देखने को नहीं मिला। बीकानेर की धरती धन्य है जो यहां इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस अवसर पर शुक्ला ने हिंदी भाषा पर केंद्रित अपनी रचना के जरिए श्रोताओं से भरपूर तारीफ़ें पाई।
आज हुई काव्य गोष्ठी में दो दर्जन रचनाकारों ने रचना पाठ किया जिसे श्रोताओं ने भरपूर पसंद किया और ख़ूब दादो-तहसीन से नवाज़ा । वरिष्ठ शायर वली मोहम्मद ग़ौरी ने अपनी ग़ज़ल के इस शे’र के ज़रिए श्रोताओं को लुत्फ़अंदोज़ कर दिया-“तूफ़ान का भी करना है हिम्मत से सामना/ हमको नहीं है देखना पतवार की तरफ।” हास्य कवि बाबूलाल ‘बमचकरी’ ने ‘ससुर जी पर केंद्रित राजस्थानी पैरोडी’ के प्रस्तुतीकरण से श्रोताओं को हंस हंस कर लोटपोट कर दिया। वरिष्ठ कवयित्री सरोज भाटी की कविताओं ने काव्य गोष्ठी में एक नया रंग भरा। कृष्णा वर्मा ने अपनी उम्दा कविता प्रस्तुत की। कवि किशन नाथ खरपतवार ने अपनी राजस्थानी कविता के प्रस्तुतीकरण से काव्य गोष्ठी को परवान चढ़ाया। कवि लीलाधर सोनी ने ‘महाराणा प्रताप की शान में अपनी कविता प्रस्तुत की। कवि महबूब देशनोकवी ने अपनी कविता से भरपूर दाद पाई । इनके अलावा कभी गोष्ठी में कवि शमीम अहमद ‘शमीम’, शिव प्रकाश शर्मा, लक्ष्मी नारायण आचार्य ने साइकिल पर केंद्रित अपनी उम्दा कविता पेश की।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय गान की प्रस्तुति करके समस्त कवियों ने देश के प्रति अपने सम्मान को प्रकट किया।
साथ ही कवि चौपाल के संरक्षक नेमचंद गहलोत के अस्वस्थ होने पर उनकी सेहत और तंदुरुस्ती के लिए सभी रचनाकारों एवं आगंतुकों ने दुआएं एवं प्रार्थनाएं की। काव्य गोष्ठी में श्रोताओं के रूप में पवन चड्ढा, अनीस,अहमद, परमेश्वर सोनी,धर्मेंद्र राठौड़, नेमीचंद पंवार, रविकांत प्रेमी,सूरजमल, मोहम्मद ज़रीफ़, मुकेश कुमार और कैलाश दान चारण सहित अनेक लोग मौजूद थे।
कार्यक्रम का सरस संचालन ओजस्वी कवि लीलाधर सोनी ने किया। अंत में सभी का आभार क़ासिम बीकानेरी ने ज्ञापित किया।