सोहनलाल वैष्णव. बोरुंदा (जोधपुर)
पश्चिमी राजस्थान में मशाला खेतीं मुख्य रूप से होती है। जीरा, सौफ, मैथी इत्यादि। लेकीन मथानिया मिर्च ने भी देश-विदेश में अपनी पहचान बनाई। इसी पहचान को देखते हूये फ्रांसीसी दल ने मथानिया, बालरवा क्षेत्र के किसानों से रूबरू होकर इसका फिडबैक लिया। विशेष भौगोलिक क्षेत्र में लिया जाने वाला उत्पादन का जीआई टेग होता है।
उपनिदेशक उद्यान जोधपुर डा.जीवनराम भाकर ने बताया कि फ्रांसीसी दल के साथ मथानिया मिर्च का जीआई टैग की सम्भावित उदेश्य से मिर्च उत्पादक किसानों से मिल कर इसमें विभिन्न कृषि उद्यानिकी गतिविधियों अपनायी जाती है उसका फिडबैक लिया। मौके पर मिर्च नर्सरी का अवलोकन किया।पौधरोपाई से फसल उपज तक आने वाली समस्याओं के बारे में विस्तृत जानकारी ली। भौगोलिक परिस्थितियों के मध्य विशेष उत्पादन प्राप्त करना जीआई टैग है इस प्रकार की मान्यता की पहचान मिलती है तो मिर्च मशाला में भी अपना क्षेत्र को फायदा होगा।
