श्याम भक्ति सेवा संस्थान ने जारी किया 6 महीने के जागरुकता अभियान का कार्यक्रम, गाय को राज्य माता का दर्जा दिलाने का लिया संकल्प
अरुण कुमार माथुर. जोधपुर
सामाजिक सरोकार और श्याम भक्ति को समर्पित पश्चिमी राजस्थान के प्रमुख संगठन श्याम भक्ति सेवा संस्थान ने गायों की सेवा और रक्षा के अपने संकल्प को साकार करते हुए गोचर भूमि बचाओ अभियान हाथ में लिया है जिसके तहत पूरे 6 महीने तक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसका महामंडलेश्वर सोमेश्वर गिरी महाराज ने विधिवत रूप से पोस्टर का विमोचन भी किया है। इस अवसर पर गाय को राज्य माता का दर्जा दिलाने का भी संकल्प लिया गया।
श्याम भक्ति सेवा संस्थान के सचिव राजकुमार रामचंदानी ने बताया कि राजस्थान प्रदेश में गोचर भूमि को बचाने के लिए लड़ाई लड़ी जा रही है। गोचर भूमि पर लंबे समय से लगातार हो रहे अतिक्रमणों के कारण गोचर भूमि सिमटती जा रही है। एक ओर जहां लालची लोगों में गायों के लिए सुरक्षित रखी गई इस जमीन को कब्जाने की होड़ लगी है, वहीं दूसरी ओर गायों और पर्यावरण के प्रति प्रेम रखने वाले लोग इसे मुक्त करवाने की कवायद में जुटे हैं। इसके लिए वह अदालतों के दरवाजे खटखटाए जा रहे हैं। शासन-प्रशासन को ज्ञापन भेजे जा रहे हैं। संज्ञान में आने के बाद श्याम भक्ति सेवा संस्थान ने संकल्प लिया है कि, राजस्थान प्रदेश में गोचर भूमि पर से अतिक्रमण हटाने के लिए कैलेंडर बनाकर पूरे 6 महीने तक जागरूक अभियान चलाया जाए, जिससे लोगों में जागरूकता आने के कारण शायद गोचर भूमि पर से अतिक्रमण हट सकें। जोधपुर के बिजोलाई आश्रम में महामंडलेश्वर सोमेश्वर गिरी महाराज ने विधिवत रूप से जागरुकता कार्यक्रम के पोस्टर का विमोचन किया। इस अवसर पर संस्थान की अध्यक्ष मोनिका प्रजापत, सचिव राजकुमार रामचंदानी, कोषाध्यक्ष जगदीश कुमार, कार्यकारिणी सदस्य लक्की गोयल, सदस्य रश्मि शर्मा और काव्यांश प्रजापत ने महामंडल से सोमेश्वर गिरी का अभिनंदन किया। इस अवसर पर बिजोलाई आश्रम के सेवादार सत्यनारायण जोशी, ललित पंवार, राहुल सिंह और तेज सिंह मौजूद रहे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महामंडलेश्वर सोमेश्वर गिरी महाराज ने इस अवसर पर गाय को राज्य माता का दर्जा दिलाने के लिए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा से आग्रह किया है साथ ही गोचर भूमि पर से अभियान चला कर अतिक्रमण हटाने के लिए आग्रह किया है। उनका कहना है कि भारत में प्राचीन काल से ही गाय की पूजा होती रही है क्योंकि गाय में 33 कोटि देवताओं का वास माना गया है। इसलिए गाय को माता का दर्जा भी दिया है, कहते हैं कि बच्चा जन्मे और किसी कारणवश उसकी माता का निधन हो जाये तो बच्चे को गाय का दूध पिलाने पर जिंदा रह सकता है। कहते है कि जननी दूध पिलाती, केवल साल छमाही भर! गोमाता पय-सुधा पिलाती, रक्षा करती जीवन भर !! गौ-माता भारत देश की रीढ़ की हड्डी है। जो सभी को स्वस्थ-सुखी जीवन जीने में मदद रूप बनती है । सभी को आजीवन गौ-माता की रक्षा के लिए कटिबद्ध रहना चाहिए।
इस अवसर पर संस्थान की अध्यक्ष मोनिका प्रजापत ने कहा कि गोचर भूमि पर से प्रदेश स्तर पर अतिक्रमण हटाने के उद्देश्य से 6 महीने का जागरूकता अभियान कार्यक्रम निर्धारित करने के साथ अक्टूबर 2024 से लेकर 31 मार्च 2025 तक का कैलेंडर जारी किया गया है। इसके तहत अलग-अलग धार्मिक स्थलों, धार्मिक संस्थाओं, सामाजिक संगठनों, स्कूलों, कॉलेजो, ग्राम पंचायतों, गौशालाओ और पंचायत संबंधित संगठनों को जागरूकता कार्यक्रम से जोड़ने के साथ संकल्प कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जिससे आगे से आगे गोचर भूमि पर से अतिक्रमण हटाने का विषय पहुंचे और लोग जागरुक हो। इसी के तहत राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री से लेकर उप मुख्यमंत्री और कैबिनेट व राज्य मंत्रियों के अलावा केंद्र सरकार में प्रतिनिधित्व करने वाले केंद्रीय मंत्रियों, लोकसभा सदस्यों और राज्यसभा सदस्यों से मिलकर गोचर भूमि पर से अतिक्रमण हटाने की मांग को ध्यान में रखकर सकारात्मक माहौल बनाने का कार्य किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर सांकेतिक और सकारात्मक रूप से प्रदर्शन करते हुए मौन जुलूस से लेकर पोस्टकार्ड अभियान और सद्बुद्धि यज्ञ से लेकर मानव श्रृंखला के जरिए इस विषय को आम जनता पहुंचाया जाएगा। जरूरत पड़ने पर न्यायालय की शरण भी ली जाएगी। अपनी बात को सशक्त रूप से जन-जन तक पहुंचाने के लिए संभाग मुख्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस के जरिए इस मामले को आम जन तक पहुंचाया जाएगा।