विशेष रिपोर्टर. राइजिंग भास्कर डॉट कॉम. जोधपुर
1962 में जोधपुर विश्वविद्यालय के रूप में शुरूआत होने के बाद शिक्षा के क्षेत्र में जोधपुर ने लंबी उछाल भरी। संभाग के साथ-साथ देश के कोने-कोने से लोग यहां पढ़ने आने लगे है। कालांतर में जोधपुर विश्वविद्यालय जयनारायण व्यास विवि बना। इसमें अशोक गहलोत, गजेंद्रसिंह शेखावत, हरीश चौधरी, बाबूसिंह राठौड़ और डॉ. जालमसिंह रावलोत सहित अनेक बड़े लीडर पढ़ चुके हैं। इतना सुदृढ़ इतिहास समेटे जयनारायण व्यास विवि में पिछले तीन दशक से नशीले पदार्थों की बिक्री हो रही है। तस्कर अफीम, गांजा, स्मैक, एमडी ड्रग्स सहित कई प्रकार के नशीले पदार्थ स्टूडेंट्स को बेच रहे हैं। नशील पदार्थों की तस्करी हॉस्टलों तक में हो रही है। यहां तक कि गर्ल्स हाॅस्टल की लड़कियां भी ड्रग्स की एडिग्स हो रही है। पुलिस के आला अधिकारियों को भी इसकी जानकारी है, मगर पुलिस भी कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। यहां कुछ भी बेचो कोई रोकने वाला नहीं है।
हाल ही में एक एनजीओ ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को अत्यंगत गोपनीय रिपोर्ट भेजी है। इस रिपोर्ट में पिछले तीन दशक में नशीले पदार्थों की किस तरह यूनिवर्सिटी में तस्करी हो रही है। किस तरह स्टूडेंट्स ड्रग्स का नशा कर अपना भविष्य बर्बाद कर रहे हैं। राजस्थान पुलिस को इससे कोई लेना देना नहीं है कि यूनिवर्सिटी में ड्रग्स बेची जा रही है। ना ही पुलिस कोई कार्रवाई करती। जब स्टूडेंट्स किन्ही मुद्दों को लेकर आंदोलन करते हैं तो कुलपति पुलिस को बुला लेते हैं और पुलिस डंडे फटकारती है और स्टूडेंट्स को गिरफ्तार कर ले जाती है। राजनीति की पहली क्लास यूनिवर्सिटी से ही शुरू होती है और अब नए दौर में नए की तस्करी की पहली सीढ़ी भी विवि से होकर ही निकलती है।
प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भेजी गई रिपोर्ट में कई खुलासे किए गए हैं। इसमें किस तरह होनहार गर्ल्स और बॉयज को सुसाइड करना पड़ा। किस तरह नशे की दलदल में पड़कर स्टूडेंट्स बर्बाद हुए। इन सबका ब्यौरा भेजा गया है। साथ ही एनजीओ ने मांग की है कि जेएनवीयू कैंपस में पुलिस की नाक नीचे होने वाली तस्करी को रोकने के लिए विशेष खुफिया इंस्पेक्टर लगाए जाएं। रिपोर्ट में 166 तस्करों की लिस्ट भेजी गई है। ये 166 तस्कर बहुत ही खतरनाक है और यूवा पीढ़ी को खोखला करने में लगे हुए हैं। नशीले पदार्थों की बिक्री करीब तीन दशक से हो रही है, मगर कोई सरकार और कोई पुलिस ने इस दिशा में कदम नहीं उठाया। इसलिए एनजीओ ने सीधी प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को ही रिपोर्ट भेजी है। क्योंकि इस चेन में बड़े-बड़े पॉलिटिशियन, हिस्ट्रीशीटर, नशेड़ी और खुद पुलिस के कई अधिकारी मिले हुए हैं।
