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Wednesday, April 16, 2025, 7:17 am

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‘पानी पर जो तैर रहा है, धूप का कोई टुकड़ा होगा’

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ईद, होली और हनुमान जयंती पर खूबसूरती से सजा महफ़िल-ए-मुशायरा

राखी पुरोहित. जयपुर 

ईदुल फ़ित्र, होली और हनुमान जयंती के मौके पर राजा पार्क में ख़ूबसूरती से सजे और रोशनी से जगमगाते पिंक कैफ़े ओपन आडिटोरियम में आयोजित महफ़िल-ए-मुशायरा में शाइरों ने एक से बढ कर एक ख़ूबसूरत और बेहतरीन कलाम पेश कर अदब का शानदार गुलशन सजाया।

इस मौक़े मशहूर मेहमान शाइर एमआई ज़ाहिर ने ‘आंखों से मन्ज़र उलझेगा, लब पर कोई नग़मा होगा…’ और ‘पानी पर जो तैर रहा है, धूप का कोई टुकड़ा होगा’ कलाम पेश कर खूब दाद पाई। उन्होंने गणमान्य श्रोताओं की फ़रमाइश पर ग़ज़लें सुना कर उन्हें अभिभूत कर दिया।

जयपुर से प्रख्यात शाइर लोकेश कुमार साहिल ने मुशायरे की अध्यक्षता करते हुए ‘हर क़दम पर दिये तूने ग़म ज़िन्दगी, फिर भी लगती है हमको कम ज़िन्दगी’ पेश कर रंग जमाया। फ़रमाइश पर तरन्नुम में कलाम पर पेश किए गए उन्हें देर तक दाद मिलती रही। गुलाबी नगरी की मशहूर शाइरा और प्रोग्राम की कॉर्डिनेटर डॉ. शाइस्ता मेहजबीं ने मुशायरे का खूबसूरत संचालन करते हुए कलाम पेश कर सुधि श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। महफ़िल-ए-मुशायरा में जयपुर के आज़म ज़ैदी, डॉ कविता माथुर, इमरान क़ैस, ज्योत्सना सक्सेना, निरुमा चतुर्वेदी, डॉ शिराज़ ख़ान, आबिद नवाब और अरविंद अज़ान ने गजलें, गीत और कविताएं तहत व तरन्नुम में सुना कर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।

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ये आयोजन गंगा-जमनी संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं : रफ़ीक़ ख़ान

ख़ास मेहमानों में आदर्श नगर विधायक रफ़ीक़ ख़ान ने कहा कि इस तरह के आयोजन गंगा-जमनी संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं। आज के समय में ऐसे आयोजनों की बहुत ज़रूरत है। इस मौके विधायक ने जयपुर आर्ट फेस्टिवल के पोस्टर का भी विमोचन किया। कार्यक्रम में गणमान्य अति​​थियों सुनील शर्मा,संजय पाराशर, राज जांगिड़ व और इस्लाम कारपेंटर ने उदगार प्रकट किए। इस अवसर पर संयोजक रिज़वान ऐजाज़ी ने सा​हिर लुधियानवी की नज़्में ‘कभी कभी मेरे दिल में ख़्याल आता है’ और ‘मरघट का सन्नाटा’ ख़ूबसूरत अंदाज़ में सुनाईं।

Rising Bhaskar
Author: Rising Bhaskar


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