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Saturday, April 19, 2025, 10:06 pm

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पुलिस-न्यायालय-पॉलिटिक्स-सिस्टम एक पिता को पत्नी की मौत के बाद साल भर से बेटी से नहीं मिलने दे रहा, साली-सास ने फ्रॉड से करोड़ों रुपए, स्त्री धन और कार तक हड़प ली, अशोक गहलोत के नाम से धमका रहे हैं आरोपी

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(कार मालिकाना हक का पत्र जिसमें आरोपी ने जाली साइन किए।)

(उपरोक्त सभी डॉक्यूमेंट कार मालिकाना हक से संबंधित है, जिसमें मृतक के जाली साइन किएगए हैं।)

(साली सीमा सैनी व सास मंजू गहलोत ने बच्ची के नाम के पैसों की अपने नाम एफडी बना ली।)

सवाल जो उत्तर मांग रहे-

1-  क्या जज को फाइल फेंकने का अधिकार है? ऐसे नकचढ़े जजों के खिलाफ कार्रवाई कौन करेगा?

2-  पुलिस कब तक नेताओं की जी हुजूरी करती रहेगी, आखिर विवश पिता कहां सुनवाई करे?

डीके पुरोहित. जोधपुर

ये कहानी एक ऐसे विवश पिता की है जिसकी पत्नी की मौत डेढ़ दो साल पहले कैंसर से हो गई। पति-पत्नी दोनों एक प्रावइेट फर्म में कार्यरत थे। पति अभी भी बतौर इंजीनियर कार्यरत हैं और पत्नी एडिशनल जनरल मैनेजर थीं। अब स्थिति यह है कि पत्नी की मौत के बाद अपनी 11 साल की बेटी गर्विता (बदला हुआ नाम) से मिलने तक नहीं दिया जा रहा। अगर पिता अपनी बेटी से मिलने जाते हैं तो पुलिस बुला ली जाती है, यही नहीं पिता के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का प्रेशर डलवा कर 107 का मुकदमा बनाकर पुलिस ने पाबंद कर रखा है और हालत यह है कि विवश पिता अपनी बेटी के प्यार से वंचित है। बेटी की मौसी और नानी पिता के खिलाफ बेटी के मन में जहर भर रहे हैं। मामला पारिवारिक न्यायालय संख्या 1 में चल रहा है। बेटी की कस्टडी और बेटी से मिलने के लिए एक मजबूर पिता अदालत में न्याय की गुहार लगा रहा है और नकचढ़े जज उनकी फाइल तक को फेंक दी और धमकी दी कि यहां तो काम सिस्टम से होगा, हाईकोर्ट में धक्के खाने का शौक है तो चले जाओ…।

एक व्यक्ति लोकतंत्र में पुलिस-पॉलिटिक्स-न्यायपालिका और सिस्टम से किस तरह लड़ते-लड़ते मजबूर हो जाता है और टूट जाता है, आज उसकी कहानी लेकर हम आए हैं। नितेश कुमार गोपा पुत्र शांतिप्रसाद गोपा की उम्र 41 साल है। आज से करीब 12 साल पहले 24 मार्च 2012 को नितेश कुमार गोपा ने स्व. अमरसिंह गहलोत की पुत्री श्वेता गहलोत से लव मेरिज की। एक तो अपने समाज से बाहर शादी की और उसके बाद उसे किन परेशानियों का सामना करना पड़ा उसके बारे में डिटेल से बताया जाएगा। नितेश कुमार गोपा और उनकी पत्नी श्वेता गहलोत उर्फ श्वेता गोपा एक फर्म में कार्य करते रहे। दोनों अच्छा खासा कमा रहे थे। लाइफ भी सही चल रही थी। हंसता खेलता परिवार था। मगर अचानक पत्नी को कैंसर हो गया और यहीं से पति नितेश कुमार गोपा की लाइफ में भूचाल आ गया। गोपा सदमे में आ गए। खूब इलाज करवाया। अपनी नौकरी की परवाह नहीं की और दो माह विदाउट पे रहकर भी इलाज करवाया। अंतत: 7 दिसंबर 2022 को बैंगलुरु में इलाज के दौरान श्वेता गहलोत उर्फ श्वेता गोपा की मृत्यु हो गई।

श्वेता की मृत्यु बाद साली-सासू ने फ्रॉड कर लाखों रुपए अपने खातों में हस्तांतरित करवा लिए 

श्वेता गोपा की मृत्यु के बाद नितेश की साली सीमा सैनी, साढू राम सैनी और सास मंजू गहलोत ने श्वेता का मोबाइल और लैपटॉप अपने कब्जे में धोखे से ले लिया। उसके बाद साली सीमा सैनी और सास मंजू गहलोत ने मोबाइल और लैपटॉप कब्जे में कर उसका दुरुपयोग करते हुए श्वेता गोपा के एचडीएफसी बैंक शाखा ब्यावर के खाता संख्या 10541140006783, आईसीआईसीआई बैंक शाखा गुड़गांव के खाता संख्या 003101580825 और एसबीआई शाखा ब्यावर के खाता संख्या 31277078471 (इस खाते की बच्ची नॉमिनी है और बायलॉजिकल फॉदर जिंदा है।) की समस्त राशि सीमा सैनी और मंजू गहलोत ने कृतांक सैनी और देवांग सैनी की मदद से मोबाइल इंटरनेट बैंकिंग में ओटीपी द्वारा खुद के खातों में ट्रासंफर कर ली।

श्वेता के नाम एचडीएफसी बैंक के 2.50 लाख रुपए के शेयर भी बेच दिए

श्वेता की मृत्यु के बाद सीमा सैनी और उसके परिवार के फ्रॉड का सिलसिला यहीं नहीं रुका। सीमा सैनी ने श्वेता के नाम एचडीएफसी बैंक के 2.50 लाख रुपए के शेयर भी मोबाइल फोन द्वारा ओटीपी से बेच दिए और राशि अपने कब्जे में ले ली। शेयर मार्केट में भी नॉमिनी 100 प्रतिशत नितेश गोपा ही थे।

टाटा एआईए की मेडिकल इंश्योरेंस टर्म पॉलिसी के 1 करोड़ रुपए भी हड़प लिए

श्वेता के नाम से ली गई टाटा एआईए की मेडिकल इंश्योरेंस टर्म पॉलिसी के 1 करोड़ रुपए भी हड़प लिए गए। साली सीमा सैनी और सास मंजू गहलोत ने अपने नाम से भिन्न भिन्न रकमों की एफडी दोनों के नाम बना ली। जबकि श्वेता ने यह पैसा अपनी बच्ची के लिए सुरक्षित रखा था। इस पॉलिसी की नॉमिनी श्वेता और नितेश की बेटी है। बेटी के खाते में कुछ भी पैसे नहीं डालकर साली सीमा सैनी और सास मंजू गहलोत ने यह राशि खुद ही हड़प ली। कहने पर कहती है कि 21 साल बाद जब बिटिया बालिग होगी तब यह राशि देंगे जबकि एफडी मात्र तीन-तीन साल की बनाई गई है। यह एक प्रकार का फ्रॉड है और कानून काे गुमराह किया जा रहा है।

करीब 12 लाख रुपए की कार फर्जी हस्ताक्षर कर सीमा सैनी ने अपने नाम कर ली

श्वेता गोपा की मृत्यु के बाद उसके नाम दर्ज हुंडई वैन्यू कार नंबर आरजे 19 सीजे 3279 को भी धोखे से सीमा सैनी ने श्वेता गोपा के फर्जी हस्ताक्षर कर अपने नाम हस्तांतरण करवा ली। इस पूरे मामले में कृतांक सैनी गारंटर बना है, जबकि बताया जा रहा है कि इस मामले में कृतांक ने पूरी जालसाजी में सहयोग किया। पूरे मामले में आरटीओ की लापरवाही भी सामने आई है। जबकि कार का स्वामित्व मृत्यु के बाद हस्तांतरण हुआ है वह भी जाली हस्ताक्षरों से। इस मामले में नोटरी पब्लिक वकील मनोज चौधरी की सील लगी है। हस्ताक्षर की फोरेंसिक जांच भी करवाई जानी चाहिए। इस मामले में इस्तगासे के माध्यम से एफआईआर के लिए गुहार कोर्ट में लगाई गई है। जबकि अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई है।

श्वेता का मोबाइल, लैपटॉप आज भी ससुराल पक्ष के कब्जे में है

इस पूरे मामले में श्वेता का मोबाइल प्लस वन नितेश के ससुराल पक्ष के कब्जे है। यही नहीं श्वेता का लैपटॉप भी ससुराल पक्ष वाले अपने कब्जे में कर बैठे हैं।

श्वेता की मृत्यु के बाद भी उसके नाम सिम जारी, बंद करने की कार्रवाई पर अमल नहीं कर रही कंपनी

श्वेता की मृत्यु के बाद नितेश ने 10 मार्च 2023 को व्यक्तिगत और ईमेल द्वारा मृत्यु प्रमाण देकर सिम को कई बार बंद करने के लिए आग्रह किया। परंतु ससुराल पक्ष ने ओटीपी द्वारा पुन: चालू करवा लिया। यहां पर सिम धारक कंपनी की लापरवाही भी सामने आई है। चूंकि मोबाइल ससुराल पक्ष के पास में है इसलिए कंपनी भी कुछ नहीं कर पा रही।

25-30 लाख का स्त्री धन भी नहीं छोड़ा, नितेश के दिए गिफ्ट भी कब्जे में किए

इस पूरे मामले में श्वेता की मृत्यु के बाद श्वेता के स्त्री धन के 25-30 लाख रुपए के गहने और नितेश के समय-समय पर दिए गिफ्ट भी ससुराल पक्ष ने हड़प लिए। पूछने पर कहते हैं कि इसकी एफडी बनाई जाएगी, मगर आज दिन तक कोई एफडी नहीं बनाई गई। कानून इस पर नितेश का अधिकार है जिसको जबरदस्ती अपने कब्जे में कर बैठे हैं।

साढ़ू और साढू के लड़के ने घर को हड़पना चाहा, पॉलिटिकल डर से एफआर लगानी पड़ी

गौरतलब है कि श्वेता के नाम एक मकान भी है। यह मकान चौहाबो सेक्टर 14 में मारवाड़ अपार्टमेंट 14ई-जे 104 हाउसिंग बोर्ड में लॉटरी द्वारा आवंटित किया गया है। जिसको साढू राम सैनी उसके पुत्र कृतांक सैनी ने हड़पने की साजिश से घर के बाहर खुद का ताला ताला लगाकर खुद का मोबाइल नंबर ऑनर के नाम से अंकित किया। जिसकी एफआईआर 0216 दिनांक 15 मई 2023 को नितेश द्वारा करवाई गई। पुलिस कार्यालय में समझाइश के बावजूद भी राम सैनी और कृतांक सैनी ने नितेश द्वारा लगाए ताले को तोड़कर घर को हड़पने की पुन: कोशिश की। इस घर को नितेश द्वारा पूर्व में ही आवासन मंडल द्वारा पूर्ण दस्तावेज द्वारा खुद के एवं बेटी के नाम करवाया गया। ये बात साढू और साढू के बेटों को हजम नहीं हुई और बदला लेने के लिए घर को हड़पने की पूरी कोशिश की। इस मामले में एफआईआर पर एफआर लगाने के लिए तत्कालीन सीमएम अशोक गहलोत से भी कई पत्र हाउसिंग बोर्ड थाने को प्राप्त हुए। ऐसी जानकारी मिली है। पॉलिटिकल दबाव में और डर के कारण नितेश के परिजनों ने मामले में एफआर पर साइन किए।

1 मई 2023 से पिता ने पुत्री का कस्टडी केस लगा रखा है, मगर आज तक बेटी से मिलने की इजाजत नहीं मिल रही

1 मई 2023 को पारिवारिक न्यायालय संख्या 1 में पिता नितेश कुमार गोपा द्वारा बेटी गर्विता के कस्टडी का केस लगाया गया। पहली दो सुनवाई में ससुराल पक्ष ने आना जरूरी ना समझा। और कोर्ट की अवेहलना की। फिर केस को तारीखों में उलझा दिया गया। इस केस के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट के आर्डर जिसमें एक पिता को एक बेटी से मिलने का पूरा हक है का भी पूरी तरह से अनदेखा किया गया। केस के दौरान पिता अपनी बच्ची से ना मिल पाए इसके लिए पाॅलीटिकल एप्रोच लगाकर पिता पर धारा 107 की कार्रवाई कर दी गई। जिससे वह छह माह के लिए अपनी बेटी से मिलने ना जा सके। इसी बीच ससुराल पक्ष ने बाल कल्याण समिति में पिता द्वारा बच्ची का अनहित हो रहा है का झूठा केस लगाया और जैसा कि जानकारी है अगर कोई मुकदमा न्यायालय में है तो उसे बाल कल्याण समिति नहीं देख सकती। मगर इसके विपरीत बाल कल्याण समिति ने बिना पिता को बताए बच्ची की काउंसिलंग की गई और पिता के विरुद्ध न्याय दिया गया। बाल कल्याण समिति में पिता को सारा पैसा बच्ची के खाते में डालने के लिए दबाव बनाया गया और नहीं करने पर पिता के खिलाफ न्याय दिया जाएगा ये कहा गया। और अंत में बाल कल्याण समिति ने यही किया। बाल कल्याण समिति की न्याय की प्रतिलिपि में ना ताे कोई तारीख का उल्लेख है और ना ही किसी परिवादी का उल्लेख है जो कि इन्वेस्टिगेशन का विषय है। बाल कल्याण समिति की पूरी कार्रवाई फर्जी लग रही है। अब भी जब पिता मिलने जाते हैं तो साढू, साली एवं उनके बच्चे पुलिस बुला लेते हैं, वीडियो बनाते हैं और केस हटाने के लिए ब्लैकमेल करते हैं और बच्ची से मिलने नहीं देते हैं। आज पूरा एक साल होने को आ रहा है। आज तक पिता को बच्ची से मिलने नहीं दिया जा रहा है। गौरतलब है कि 75 साल की वृद्ध दादी पुष्पा गोपा भी जब अपनी पोती से मिलने जाती है तो पुलिस बुला ली जाती है और नाटक किए जाते हैं। यहां उल्लेखनीय है कि बच्ची की स्कूल फीस हर साल दो लाख रुपए पिता ही जमा करवा रहे हैं। जबकि इतनी राशि हड़पने के बाद भी ससराुल पक्ष ने अपनी जिम्मेदारी नहीं समझी। मृतक श्वेता का मृत्यु पश्चात कार्य लाभ को भी ससुराल पक्ष हड़पना चाहता है जिसके लिए नितेश गोपा ने जिला न्यायालय में उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र के लिए वाद दायर कर रखा है जिसको भी ससुराल पक्ष खारिज करवाने में लगा हुआ है।

Rising Bhaskar
Author: Rising Bhaskar


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