लोकलुभाने मैनिफेस्टो बनाने से अच्छा है मूलभूत सुविधाओं पर ध्यान दिया जाए
डॉ. शिवदत्त व्यास. जोधपुर
सरकार को मूल स्वरूप को सुधारने की जरूरत है। सरकार की प्राथमिता जनता का विश्वास जीतना होनी चाहिए। बेहद कड़वा किंतु सत्य कथन है कि सरकार को मुफ़्त अनाज की योजनाओं कि जगह मुफ़्त शिक्षा और मुफ़्त इलाज की योजनाओं को क्रियान्वित करना चाहिए।
मुफ़्त की रेवड़ियों कि जगह सरकार को चिकित्सा, शिक्षा मुफ़्त करनी चाहिए। आज एक मध्यम एवं निम्न वर्गीय परिवार का प्रमुख खर्चा बच्चे की पढ़ाई या मां बाप का या परिजनों का इलाज है। सरकार को अंधाधुंध टैक्स देने के बाद भी पिसता ये वर्ग ही है। सरकार ने हर गांव शहर में सरकारी विद्यालय बना रखे हैं उन्हें क्रमोन्नत भी किया है, लेकिन वहां शिक्षक सुविधा ना के बराबर है। मुफ़्त का अनाज देकर लोक लुभावने मैनिफेस्टो बनाने से अच्छा है जनता की मूलभूत सुविधाओं में उच्चस्तरीय परिवर्तन लाया जाये। स्वास्थ्य पर खर्च आसमान पर चढ़ता जा रहा है। आम आदमी ग़रीबी के कारण कई बार इलाज नहीं करवा पाता। सरकारी अस्पताल में संपूर्ण सुविधा ना थी ना अब है।
सरकारी अस्पतालों में सीटी स्कैन या एमआरआई के लिए इंतज़ार की लंबी सूची रहती है, जब तक कई बार रोगी दम तोड़ देता है।
प्राइवेट अस्पताल का बिल मध्यम वर्गीय परिवार को सड़क पार ला देता है। क्या लोकतंत्र में शिक्षा का अधिकार सभी को समान रूप से नहीं होना चाहिए? निजी विद्यालय का एक बच्चे का सालाना फ़ीस एक लाख के क़रीब और अगर बच्चा गुणी है संगीत या खेल में रुचि रखता है तो इस फ़ीस को डेढ़ से दो गुना कर दीजिए। उस पर निजी विद्यालयों की मनमानी की वाहन हमारा, किताबें हमारी, ड्रेस भी हम देंगे। सरकार को इन समस्याओं की तरफ़ कुछ काम करना चाहिए ताकि हमारा विश्वास दृढ़ हो की हमने सही मायने में सकारात्मक परिवर्तन वाली सरकार चुनी है।
