पहली बार तेल में डूबे शनि देव
शिव वर्मा. जोधपुर
चमत्कारिक दक्षिणमुखी शिंगणापुर सिद्ध शनिपीठ शनि धाम ए सेक्टर शास्त्री नगर जोधपुर में विश्व न्यायाधीश शनि देव का विश्व का पहला शनि सहस्त्र घट तेला अभिषेक दोपहर 12 से 3 बजे तक किया गया और शाम 4 बजे आरती हुई। शनि धाम शास्त्री नगर जोधपुर के महंत श्रीमाली पंडित हेमंत बोहरा ने बताया कि यह विश्व में पहली बार आज़ अद्भुत चमत्कारिक शीघ्र फलदायक शनि सहस्त्र घट तेला अभिषेक हुआ, जिसमें शनि देव को तेल में अमुझाया डूबाया गया । जिसमें 11 हजार लीटर तेल चढ़ाया गया, जो सभी भक्तों के सहयोग से हुआ।
महंत श्रीमाली पंडित हेमंत बोहरा ने बताया कि ऐसे विश्व के पहले शीघ्र फलदायक शनि सहस्त्र घट तेला अभिषेक आयोजन में तेल दान करने से सभी कष्टों दुखों दोषों से छूटकारा होकर मनोकामनाओं की शीघ्र पूर्ति होती है। यह महा चमत्कारिक शीघ्र फलदायक अद्भुत आयोजन हैं।
पंडित हेमंत बोहरा ने बताया कि भगवान शिव को प्रसन्न करने हेतु पानी से सहस्त्र घट अभिषेक किया जाता है। और शिव को प्रसन्न करने हेतु पानी में अमुझाया डूबाया जाता है। वैसे ही शनि देव को विश्व में पहली बार तेल से सहस्त्र घट तेला अभिषेक करके तेल में अमुझाया डूबाया गया। जिसके दर्शन मात्र से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस अवसर पर भक्तों का तांता लगा।
ईमरती भोग की सवामणी करके भक्तों में वितरित की गई। पंडित हेमंत बोहरा ने बताया कि इस अभिषेक के दर्शन रात्रि 12 बजे तक हुए। पश्चात् इसका विसर्जन किया गया ।इस अभिषेक मे चढाए जाने वाला तेल गौ शालाओं में दान किया जाएगा ।जिससे इस आयोजन में तेल दान करने वाले भक्त को दुगुना फायदा होगा। उसे शनि पूजन और गौ सेवा दोनों फल मिलेंगे एक पंथ दो काज हो जाएगा।
शनि धाम के रामेश्वर सोनी भाणू भाई ने बताया कि इस आयोजन हेतु शनि देव के चारों तरफ विशेष परकोटा बनाया गया है जिसमें तेल अभिषेक का तेल भरा हुआ रहा और सामने कांच लगाया गया है। जिससे तेल में डूबे हुए शनि देव के दर्शन सभी को हुए। यह आयोजन पहली बार हुआ है। महंत पंडित हेमंत बोहरा ने बताया कि पंडित आचार्य श्री नक्षत्र ओझा और पंडित आचार्य श्री आशीष कुमार दवे के सानिध्य में विद्वान 7 पंडितों के मंत्रोच्चार से तेल अभिषेक किया गया। यह तेल घर में रखने से, व्यापार में रखने से वृद्धि होगी और सुख समृद्धि और शांति प्राप्त होती है। धन की वृद्धि और बरकत होगी।
पंडित हेमंत बोहरा ने बताया कि इस अवसर पर रोशनी और प्रसादी का आयोजन भी रखा गया है। अभिषेक और आरती पश्चात रात्रि बारह बजे तक मन्दिर में प्रसाद वितरण किया गया। यह महा चमत्कारिक शीघ्र फलदायक शनि सहस्त्र घट तेला अभिषेक दोपहर 12 बजे आरंभ हुआ जिसमें सभी भक्तो ने अपने हाथों से शनि देव को तेल अर्पित किया। शाम 4 बजे महाभोग महाआरती हुई। उसके बाद में प्रसाद वितरण हुआ। यह तेल भक्तों में तथा गौ शालाओं में वितरित किया जाएगा। यह विश्व का पहला आयोजन हैं। पंडित हेमंत बोहरा ने बताया कि शास्त्रों कै आधार पर यह आयोजन शनि जयंती के 44 वें दिन किया जाता है जो आज 44 वां दिन है इसलिए आज यह आयोजन किया गया
