अरुण कुमार माथुर. जोधपुर
कायलाना तख्तसागर की पहाडियों के मध्य स्थित प्राचीन बिजोलाई बालाजी आश्रम में अखण्ड सुहाग की कामना का उत्सव कजली तीज बड़े उमंग एवं उलास के साथ मनाया गया। मंदिर परिसर में महिलाओं ने जहां एक तरफ अपने पति के लम्बी उम्र की कामना की और व्रत रखा वहीं दूसरी तरफ गुरु परिवार की तरफ से मंदिर परिसर को ऋतु पुष्प से सजाया गया। प्राचीन बिजोलाई बालाजी आश्रम में स्थित ब्रह्मलीन महंत बलवंत गिरी महाराज व किशन गिरी महाराज की समाधि पर जहां फूल मण्डली सजाई गई वहीं मंदिर परिसर में स्थित रामभक्त हनुमान की प्रतिमा, मां वैष्णवी, सिद्धि विनायक गणेश काल भैरव व काली माता की मूर्तियों को ऋतु पुष्प से सजाया गया महामंडलेश्वर सोमेश्वर गिरी महाराज ने इस अवसर पर उत्सव में शामिल गुरु परिवार की महिलाओं व पुरुषों को अपने संबोधन में कजली तीज का महत्व समझाते हुए प्रकाश डाला। प्रारंभ में मंदिर परिसर में महिलाओं व कुंआरी कन्याओं की ओर से योग्य वर की कामना करते हुए व्रत किया। नई दुल्हनों की ओर से विशेष उद्यपान किया गया और तालाब पर भी पूजा की गई।
