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Friday, May 16, 2025, 9:57 am

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राइजिंग भास्कर स्थापना दिवस फोटो स्टोरी… कविताओं में सिमट गए कैकटस

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मनोज बोहरा. जोधपुर

मारवाड़ में कभी कैकटस की बहार होती थी. इसे लोकल भाषा में थोर कहते हैं. जब भाई बहन को मारते थे तो माँ अक्सर कहती बहन को मारेगा तो थोर में हाथ उगेंगे. अब विकास के साथ जंगल सिमट रहे हैं. साथ ही थोर भी. ये कैकटस कवियों की कविताओं का हिस्सा रहे हैं. कैकटस का ये फोटो पुराना जरूर है पर रेगिस्तान में इस पर अनेक लोक कथाएँ प्रचलित हैं. थोर कम पानी में उगते हैं और जीवटता के प्रतीक होते हैं.

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Author: Rising Bhaskar


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