-दादा दरबार, सिद्धनाथ गुरु आश्रम में महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा
शिव वर्मा. जोधपुर
श्री नेपाली दादाजी द्वारा सिद्धनाथ पहाडी को कहा गया था गुप्त काशी। दादाजी ने फरमाया था इस पहाड पर अनेकों योगी सुक्ष्म रूप से करते है महादेव की साधना जिसकी पुष्टि यह बड़ा वन खण्ड पहाड करता है इस पहाड पर अनेकों गुप्त शिवलिंग एवं योगियों की समाधियां प्राचीन काल से विराजमान है। इस पहाडी पर अनेकों प्रसिद्ध शिव मंदिर स्थित है। श्री नेपाली दादाजी द्वारा इसी पहाड पर स्थित 500 वर्ष पुराने शिव लिंग का जीर्णोद्वार करवा गया जो वर्तमान में श्रीदादा दरबार सिद्धनाथ महादेव के नाम से मारवाड में प्रसिद्ध है। इसी क्रम में ओंम कार निर्विकारम शम्भु कैलाश वाले रक्षा करो हमारी श्रीदादा जी धूणी वाले की जय घोस के साथ श्री दादा दरबार, सिद्धनाथ गुरू आश्रम में महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। इसी के साथ दादाजी के धूणे, सद्गुरू नारायण स्वामी, नेपाली दादाजी व अन्य समाधियों एवं सिद्धनाथ महादेव मंदिर में सुगन्धित ऋतु पुष्पों से फूलमण्डली कर सम्पूर्ण आश्रम परिसर को सजाया जायेगा। महाशिवरात्रि के दिव्य अवसर पर ब्राहम्णों द्वारा रात्रि के चारों याम में रूद्राभिषेक एवं श्रृगांर आरती की जायेगी। प्रथम याम में श्री सद्गुरू नारायण स्वामी एवं नेपाली दादाजी के चरणकमल अभिषेक, द्वितीय व तृतीय याम में मंदिर परिसर में स्थित सम्पूर्ण योगियों की समाधियों पर अभिषेक एवं चतुर्थ याम में श्री सिद्धनाथ महादेवजी का रूद्राभिषेक के साथ कुल पांच श्रृंगार आरतियों के साथ महाशिवरात्रि महंत मुनेश्वर गिरी जी के सानिध्य में मानायी जायेगी।
