(2024 विदा हो रहा है। शाम को पंछी घर लौट रहे हैं और अस्ताचल सूर्य आश्वासन दे रहा है कि वह कल फिर उदय होगा और जीवन की भोर होगी। जीवन का क्रम सदा चलता रहता है। हर अस्त होते सूरज के बाद नई भोर होती है। 2025 के स्वागत में सूर्य की पहली रश्मि का इंतजार रहेगा। फिर पंछी का कलरव होगा। चहचहाट होगी और पेड़-पौधे नस्फूर्त होंगे। जीवन का राग जारी रहेगा। ….फोटो : शिव वर्मा)
नववर्ष वर दे, नवचेतना भर दे, लड़खड़ाती लौ को मिले ओट कर दे…आओ विकास का दीप प्रज्वलित हो और चहूं ओर राेशनी का शासन हो, इसी भावना से 2025 का वेलकम करें…
डी.के. पुरोहित. जोधपुर
समय का प्रवाह कब रुकता है। वह बहता रहता है। अनवरत। समय कभी एक जैसा नहीं रहता। जो आज है। वह बीता हुआ कल बन जाता है। और भविष्य का हमेशा इंतजार रहता है। समय की शिला पर हर चीज इतिहास बनती जाती है। समय अपने साथ यादों को एकत्रित करता जाता है। ये यादें हमारी स्मृति पटल पर हमेशा अंकित रहती है। हम बेशक भूल सकते हैं, मगर समय इन यादों को कभी नहीं भूलता। 2024 का आज आखिरी दिन है। बुधवार को 2025 दस्तक दे देगा। नई उम्मीदों के सवेरे के साथ फिर नए सपने उड़ान भरेंगे। राइजिंग भास्कर वर्ष 2025 के लिए जोधपुर शहर में कई मुद्दों पर आमूलचूल बदलाव की अपेक्षा रखता है। अभी भी शहर में कई समस्याएं हैं, कई कमियां है, कई जरूरतें हैं, कई अपेक्षाएं हैं जिस दिशा में काम करने की जरूरत है। जिम्मेदारों से 2025 में उनसे अपेक्षा रहेंगी कि वे इस दिशा में कार्य करें और उन्हें पूरा करें। नए साल 2025 के हमारी इस स्टोरी की थीम भी यही है- 2025 में जिम्मेदारों से 25 उम्मीदें। तो आइए इन पर एक नजर डालते हैं।
1- राजनीति : कथनी और करनी का भेद खत्म करना
नए साल 2025 में राजनीतिज्ञों से उम्मीद रहेगी कि कथनी और करनी का भेद खत्म हो। हमारे नेता चाहे वे किसी भी दल के हों वादे और आश्वासन तो खूब देते हैं, मगर उनको क्रियान्वत करने का समय आता है तो पीठ दिखा देते हैं। जोधपुर शहर विधायक अतुल भंसाली, सूरसागर विधायक देवेंद्र जोशी, सरदारपुरा विधायक और तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके अशोक गहलोत और जोधपुर सांसद और तीसरी बार मंत्री बने गजेंद्रसिंह शेखावत से अपेक्षा रहेगी कि जनता से जो वादे किए हैं उन्हें पूरा करें और राजनीति के क्षेत्र में ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठ और जवाबदेह बने रहें।
2- नगर निगम : शहर को स्वच्छता में नंबर वन करना
-हमारे नगर निगम के जिम्मेदारों से अपेक्षा रहेगी कि 2025 में जोधपुर को सफाई और स्वच्छता में नंबर वन पर ले आएं। जिस तरह इंदौर में साफ-सफाई है, वैसे ही जोधपुर शहर को स्वच्छता के क्षेत्र में अव्वल बनाना है। घर-घर कचरा संग्रहण, समय पर साफ-सफाई और सभी मानकों पर खरा उतरने की जरूरत है। अभी शहर में चारों तरफ गंदकी का साम्राज्य है। जोधपुर टूरिज्म के क्षेत्र में विश्व मानचित्र पर स्थापित है, मगर साफ-सफाई के मामले में काफी पिछड़ा हुआ है। विश्व प्रसिद्ध शहर की यह स्थिति चौंकाने वाली है। इसके लिए जिम्मेदारों को नए आइडिया पर काम करना होगा।
3-जेडीए : आय के स्रोत बढ़ाना, आबादी के हिसाब से विस्तार योजनाएं बनाना
-जोधपुर विकास प्राधिकरण से अपेक्षाा रहेगी कि आय के स्रोत बढ़ाएं और आबादी के हिसाब से शहर के विस्तार की योजनाएं बनाएं। अभी शहर की आबादी जिस हिसाब से बढ़ रही है, उस हिसाब से शहर में कॉलोनियां विकसित करने की जरूरत है। लोगों के पास घर नहीं है। ऐसे में प्लान करके हर व्यक्ति को घर और छत मिले ऐसी स्कीम बनानी होगी। जेडीए का खजाना खाली है। कई मौकों पर जेडीए चाहता तो अपनी आय बढ़ा सकता था, मगर वह नाकामयाब रहा। नए साल में नई योजनाओं का निर्माण करना होगा। ऊर्जावान अफसरों को ऊर्जा के साथ काम करना होगा।
4-जेएनवीयू : शिक्षा के क्षेत्र में इनोवेशन, नए एमओयू करना
-शिक्षा के क्षेत्र में जेएनवीयू को नए इनोवेशन करने की जरूरत है। विभिन्न मुद्दों पर नए एमओयू करने होंगे। खासकर शहर के स्वतंत्रता सेनानियों, शहर के उद्योगों, शहर की मूल पहचान, शहर के टूरिज्म, शहर की हेरिटेज इमारतों और तमाम विषयों पर रोजगारपक कोर्स शुरू करने होंगे और विभाग स्थापित करने होंगे। पर्यावरण को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाते हुए पहले से स्थापित विभागों को सशक्त और मजबूत बनाना होगा। पेंशनर्स को समय पर पेंशन मिले, इसके लिए आय के स्रोत बढ़ाने होंगे। नए कुलपति से अपेक्षा रहेगी कि शिक्षक भर्ती में जो घोटाले हुए हैं उनकी फाइल रिओपन कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
5-लॉग्न्टर्म टूरिज्म : नाइट चौपाटी, 24 घंटे पर्यटन की कल्चरल डेवलप करें
-जोधपुर में अभी पर्यटन की अपनी सीमाए हैं। शाम 5 बजे के बाद घूमने लायक कुछ भी नहीं है। ऐसे में नाइट चौपाटी और 24 घंटे पर्यटन का कल्चर डेवलेप करने की जरूरत है। नाइट चौपाटी की मांग कई बार उठती रही है। कई शहरों में रात भर खाने-पीने की चीजें मिलती है और खरीदारी रात भर चलती रहती है, लेकिन जोधपुर में अभी ऐसी संस्कृति नहीं है। रात 10-11 बजे के बाद बाजार बंद हो जाते हैं। क्या ही अच्छा हो पूरी रात जोधपुर के मिर्चीबड़े और नमकीन मिले। मिश्रीलाल की लस्सी रात भर मिले। ऐसे ही आइटम अगर रात भर मिले तो टूरिस्ट को भी आनंद आएगा और शहर के लोग भी आनंदित होंगे। इसके अलावा विलेज सफारी, धोरों को बचाने और पपेट शो आदि करके नए पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है। इसके अलावा लोक संगीत को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की जरूरत है।
6-साहित्य : युवा या महिला साहित्य अकादमी स्थापित हो
जिस तरह जोधपुर में राजस्थान संगीत नाटक अकादमी है, वैसे ही जोधपुर में साहित्य की दिशा में काम करने की जरूरत है। हमारे जिम्मेदारों को सोचना होगा कि साहित्य के क्षेत्र में कोई संस्था स्थापित की जाए। जिस तरह जयपुर में पंडित जवाहरलाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी स्थापित की गई, वैसे ही जोधपुर में युवा लेखन सृजन के क्षेत्र में सरकारी संस्था स्थापित करने की जरूरत है। खासकर युवाओं को लिखने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए अलग से सरकारी एजेंसी स्थापित करने की जरूरत है। एक काम यह भी हो सकता है कि जोधपुर में महिला साहित्य अकादमी भी स्थापित की जा सकती है।
7-कला : शिल्पकला, हस्तकला और अन्य आर्ट को बढ़ावा देना होगा
-हैंडीक्राफ्ट जोधपुर की पहचान है। शिल्पकला, हस्तकला और अन्य आर्ट को बढ़ावा देने की जरूरत है। खासकर हैंडीक्राफ्ट का निर्यात विदेशों में बढ़ाने के लिए कमियों को दूर करना होगा। नई योजनाओं को आत्मसात करना होगा। विदेशों में निर्यात की राह में जो बाधाएं है उन्हें विदेश विभाग स्तर पर दूर करवाना होगा।
8- संस्कृति-संगीत : अकादमी में नियमित गैर राजनीतिज्ञ अध्यक्ष की जरूरत
-राजस्थान संगीत नाटक अकादमी में गैर राजनीतिज्ञ अध्यक्ष की जरूरत है। अभी तक होता यह आया है कि अकादमी में सरकार द्वारा नियुक्ति की जाती है। ऐसी संस्था में अकादमी अध्यक्ष चुनने के लिए एक कमेटी होनी चाहिए जो अपने स्तर पर नियमित अध्यक्ष का चयन करें। साथ ही कलाकारों के हित में योजनाएं बनानी होगी।
9-पुलिस : अपराध पर नियंत्रण, साइबर ठगी पर विशेष ध्यान देने की जरूरत
-पुलिस विभाग को अलर्ट रहना होगा। खासकर अपराध पर नियंत्रण करने की जरूरत है। साइबर ठगी खूब हो रही है। ऐसे में पुलिस को योग्य कार्मिकों और तकनीकी कुशल लोगों की भर्ती कर साइबर अपराध पर लगाम लगानी होगी। शहर में अपराधियों में डर नहीं है। कहीं न कहीं पुलिस की कमजोरी है। ऐसे में पुलिस बेड़े को मजबूत करने की जरूरत है।
10- प्रतियोगी परीक्षा : नकल पर नकेल कसने की जरूरत
-बेरोजगार प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेते हैं और नकल पर नकेल नहीं कसी जा रही। कई बार संगठित गिरोह नकल करवाते हैं। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को सक्रियता के साथ काम करना होगा। संबंधित एजेंसियों को इस दिशा में विशेष सतर्क रहने और नकल पर नकेल कसने की जरूरत है।
11-रोजगार : नए अवसर की जरूरत
-सरकार और विभागों को रोजगार के नए अवसर तलाशने होगे। युवा शक्ति को काम मिले, इसके लिए नई योजनाएं बनानी होंगी। इनोवेशन को बढ़ावा देना होगा। स्टार्टअप के लिए युवाओं को तैयार करना होगा। आय को बढ़ाने और पूंजी की समस्या को दूर कर सस्ते और ब्याज रहित लोन की व्यवस्था करनी होगी। ऐसे प्रयास करने होंगे कि लोन युवाओं को आसानी से और कम फार्मलेटी से मिल जाएं।
12- सेना : बॉर्डर पर अतिरिक्त सतर्क रहने की जरूरत
-नए साल में सेना को बॉर्डर पर विशेष रूप से सतर्क रहने की जरूरत है। हाल ही में बांग्लादेश में जो घटनाक्रम हुआ, उससे बॉर्डर इलाकों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। एयरफोर्स में नए लड़ाकू विमानों को शामिल करने की जरूरत है। सेना में हथियारों और नए संसाधनों-मिसाइलों की तैनातगी की जरूरत है।
13-पारदर्शी फैसले : न्याय करना ही नहीं न्याय होते दिखना चाहिए
-न्याय की पहली आवश्यकता है न्याय करना ही नहीं न्याय होते दिखना चाहिए। कोर्ट से ऐसी ही नए साल में हमेशा की तरह अपेक्षा रहेगी। राजस्थान हाईकोर्ट और जोधपुर की अन्य कोर्ट ने अपने को समय-समय पर साबित भी किया है। ऐसे में नया साल न्याय के क्षेत्र में ऊर्जावान निर्णयों से परिपूर्ण होगा, ऐसी अपेक्षा रहेगी। साथ ही नए न्यायाधीशों की भी भर्ती होगी।
14-प्रदूषण : शहर को प्रदूषण से बचाने की जरूरत
-शहर में ध्वनि, वायु और फैक्ट्रियों के गंदे पानी का प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। ऐसे में विभिन्न प्रकार के प्रदूषण से शहर को बचाने की जरूरत है। प्रदूषण को दूर करने के समय-समय पर हाईकोर्ट ने जजमेंट दिए हैं, मगर जिम्मेदार पूरी तरह सफल नहीं हुए हैं। अब विश्व पर्यटन मानचित्र पर स्थापित इस शहर को प्रदूषण मुक्त करने की जिम्मेदारी हमारे जिम्मेदारों की है। उन्हें इस दिशा में सोचना होगा।
15-ड्रेनेज सिस्टम : नालों और ड्रेनेज सिस्टम को अपडेट करने की जरूरत
-हर साल शहर में मानसून के दौरान ड्रेनेज सिस्टम फेल हो जाता है। कई बार नालों में आदमी, औरत और बच्चे बहकर काल कवलित हो गए। मगर जिम्मेदारों ने सबक नहीं लिया। नए साल में संकल्प लेना होगा कि ड्रेनेज सिस्टम सुधारेंगे और आगामी 2050 की आबादी को देखते हुए सुनियोजित विकास करेंगे। जिम्मेदारों को प्लानिंग के साथ ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त करना होगा।
16-रेलवे स्टेशन : प्लेटफॉर्म संख्या बढ़ाने और विकास की जरूरत
-नए साल में रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म संख्या बढ़ाने की जरूरत है। अभी केवल 5 नंबर तक प्लेटफॉर्म है, जिसे बढ़ाने की जरूरत है। साथ ही नई बिल्डिंग और विकास कार्यों को तेजी से पूरा करने की जरूरत है। रेलवे स्टेशन के मौलिक स्वरूप को बनाए रखने की भी जरूरत है। यात्रियों को सुविधाएं और आगामी 2050 की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विकास कार्य करवाने होंगे।
17-एलिवेटेड रोड : जल्दी काम शुरू करने की जरूरत
-जोधपुर में गजेंद्रसिंह शेखावत ने एलिवेटेड रोग का सपना दिखाया था। अब उस पर अमल करने का समय आ गया है। विभाग के जिम्मेदारों को प्रक्रिया पूरी कर जल्द ही काम शुरू करवाना होगा। जो वादा शेखावत ने किया उसे पूरा करने के लिए प्रयास करने होंगे।
18-मेट्रो ट्रेन : भविष्य का सपना भी पूरा करने पर विचार हो
नए साल 2025 में एलिवेटेड रोड के साथ-साथ मेट्रो ट्रेन की दिशा में सोचने की जरूरत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जोधपुर में मेट्रो ट्रेन के बारे में सोचना होगा। जोधपुर तेजी से बढ़ता शहर है और जयपुर के बाद राज्य का बसे बड़ा शहर है। ऐसे में मेट्रो के बारे में भी सोचना होगा।
19- सड़कों को दुरुस्त करना : नई सड़कों का जाल बिछाना
-शहर की सड़कें टूटी हुई है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री जोधपुर में आए तो टूटी सड़कें और गड्ढे देखकर वे गुस्सा हो गए थे और उनके जाने के बाद कुछ सड़कें दुरुस्त की गई। मगर अब नए साल में सभी टूटी सड़कें ठीक करने और नई सड़कों का जाल बिछाने की जरूरत है।
20-8 पीएम नो अल्कोहल : शराब बिक्री पर सख्ती से रोक
शहर में रात 8 बजे के बाद भी शराब खुले आम बिकती रहती है। कई जगह शटर के नीचे से शराब की बोतलें पकड़ा दी जाती है या खिड़की से सप्लाई होती है। ऐसे में रात आठ बजे के बाद शराब बिक्री पर सख्ती से अमल लाने की जरूरत है।
21-जलस्रोत : तालाबों की मरम्मत, बावडियों की सफाई
-नए साल में तालाबों की मरम्मत और बावड़ियों व कुओं की सफाई की जरूरत है।शहर में कई झालरे हैं जो प्राचीन जल इंजीनियरिंग का बेजोड़ नमूना है। इन्हें दुरुस्त करने की जरूरत है। इन बावड़ियों और झालरों को पुनर्जीवित करने की जरूरत है। ऐसा करके हम जल सत्याग्रह कर भविष्य के लिए जल बचा सकते हैं।
22-चिकित्सा : सुविधाओं में विस्तार, संसाधन बढ़ाने की जरूरत
-एम्स जोधपुर सहित मथुरादास माथुर अस्पताल, महात्मा गांधी अस्पताल, उम्मेद अस्पताल और अन्य सरकारी छोटे-बड़े अस्पतालों में सुविधाओं के विस्तार और संसाधन बढ़ाने की जरूरत है। ऐसा करके ही शहर और प्रदेश भर से आने वाले रोगियों को लाभ पहुंचा सकते हैं। एम्स में अभी भी कई कार्य करने की जरूरत है। एम्स की कार्य प्रणाली को सरल बनाने की जरूरत है, ताकि मरीजों को भटकना न पड़े।
23-पार्किंग : शहर में पार्किंग व्यवस्था दुरुस्त हो
-शहर में पार्किंग व्यवस्था दुरुस्त करने की जरूरत है। अभी भीतरी शहर में तो वाहन पार्क हो ही नहीं सकते। बाजार व्यस्त होते जा रहे हैं और आए दिन जाम लग जाते हैं। पूरे शहर में जाम लगना आम हो गया है। पार्किंग का जगह-जगह अभाव है। ऐसे में शहर की समस्या बढ़ गई है। लोगों को इस परेशानी से निजात दिलाने के लिए हमारे जिम्मेदारों को सोचना होगा।
24-सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा : प्राकृतिक ऊर्जा को बढ़ावा देने की जरूरत
-सनसिटी में 12 मास सूर्य की उपस्थिति रहती है और हवा भी बहती रहती है। ऐसे में सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा जैसी प्राकृतिक ऊर्जा के विकास के बारे में सोचना होगा। शहर में अभी बिजली कटौती आए दिन होती रहती है। वो भी तब जोधपुर में प्राकृतिक ऊर्जा बड़ी तादाद में मिल रही है। लेकिन इस ऊर्जा का जोधपुर को ही पूरा फायदा नहीं मिल रहा। होना यह चाहिए कि यहां उत्पन्न होने वाली प्राकृतिक ऊर्जा पर पहला हक जोधपुर का हो।
25- शांति और सौहार्द : नशा मुक्ति पर जोर हो, संस्कारवान युवा हो
-शहर में शांति और सौहार्द की जरूरत है। समाज में नशामुक्ति पर जोर होना चाहिए। युवा नशे के लिए अपराध की राह पकड़ रहे हैं। ऐसे में सौहार्द की जरूरत है। समाज के मौजिज लोगों को अपने-अपने समाज में कुरीतियों को दूर करने और युवाओं को सही राह दिखाने की जरूरत है। ऐसा करके ही हम अपना अच्छे नागरिक का कर्तव्य निभा सकते हैं।