राखी पुरोहित. जोधपुर
प्रकृति से बड़ी कोई चितेरी नहीं है। प्रकृति से बड़ी कोई सृजनकर्ता नहीं है। लेकिन इसी प्रकृति पर मानव विकास के नाम पर कुल्हाड़ी चला रहा है। विकास जरूरी है तो नए पौधे भी लगाने जरूरी है। न विकास की अनदेखी कर सकते और न ही प्रकृति-पर्यावरण की। बस इसी धुन के धनी है अनेक पुरस्कार प्राप्तकर्ता पर्यावरणविद प्रदीप शर्मा। उन्होंने गीता धाम तिंवरी और गोशाला में नेहरू पार्क याेगा संस्थान के कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में पौधे लगाए।
इस मौके पर 75 से 80 प्रकृति प्रेमी मौजूद थे। इंद्रदेवता का आह्वान करते हुए और प्रकृति को मानव की सहचरी बताते हुए अधिक से अधिक पौधे लगाने की आवश्यकता बताते हुए प्रदीप शर्मा ने अपनी चिरपरिचत शैली में कविता सुनाई- अरे हे मानव तूने क्या कर डाला रे, पर्यावरण को नष्ट कर डाला रे…। गौरतलब है कि शर्मा जहां भी जाते हैं इन पंक्तियों के साथ मानव को उनकी पर्यावरण जिम्मेदारी और हरियालो राजस्थान की मुहिम से अवगत कराते हैं। उनका कहना है कि हर व्यक्ति को अपने और अपने परिवार के सदस्यों के जन्म दिन पर केक न काटते हुए पौधे लगाने चाहिए। गौरतलब है कि प्रदीप शर्मा को दैनिक भास्कर समूह द्वारा जल स्टार अवार्ड भी मिल चुका है।
एनसीसी सदस्यों ने भी प्रकृति को बचाने की शपथ ली
कार्यक्रम में पौधे लगाने के साथ ही एनसीसी सदस्यों ने भी प्रकृति को बचाने की शपथ ली। 25 एनसीसी कैडेट ने कहा कि वे लोगों को पौधे लगाने के लिए प्रेरित करेंगे। इस मौके पर प्रदीप शर्मा ने एनसीसी कैडेट का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि एनसीसी कैडेट की जिम्मेदारी है कि वे लोगों को पर्यावरण के प्रति प्रेरित करें और जागरूक करें। वे चाहे तो प्रकृति को बचाने में समाज में अलख जगा सकते हैं। नेहरू पार्क योगा संस्थान के कार्यकर्ताओं ने भी प्रकृति को मानव का रक्षक बताते हुए प्रकृति के अनमोल खजाने के संरक्षण की आवश्यकता बताई। प्रकृति प्रेमियों ने कहा कि प्रकृति के रूप में ही इमें ईश्वर के दर्शन होते हैं।
