पार्षदों की सह से जगह-जगह रोड के दोनों तरफ रसूख वाले लोगों ने निर्माण करवा लिए हैं। निर्माण करवाने में खुद पार्षद भी शामिल है। शराब माफिया, दुकानदार, फैक्ट्री मालिक, बिजनेसमैन और रसूल वाले लोग शामिल हैं। नगर निगम में वर्षों से हजारोंं शिकायतें पेंडिंग पड़ी है, निगम ने दर्जनाें पर बार नोटिस जारी किए, मगर लोगों ने तामील ही नहीं किए, निगम के कर्मचारियों ने मकानों, दुकानों, फैक्ट्रियों के बाहर नोटिस चस्पां कर दिए तो लोगों ने फाड़कर फेंक दिए। निगम के अधिकारी आज तक कोई कार्रवाई नहीं कर पाए। स्कूलों, कॉलेजों और कोचिंग सेंटरों के अलावा अस्पतालों ने भी रोड पर कब्जा कर लिया है। कोई कुछ नहीं कर पा रहा है।
डीके पुरोहित की विशेष रिपोर्ट
नगर निगम में हजारों शिकायतें अतिक्रमण की पेंडिंग पड़ी है। निगम ने दर्जनों बार नोटिस जारी कर दिए हैं। लोगों के घरों के बाहर चस्पां भी कर दिए मगर मधुबन, बासनी, सरस्वती नगर, रामेश्वर नगर, कुड़ी भगतासनी और आसपास का पूरा इलाका अतिक्रमण की चपेट में है। मकान मालिक, दुकान मालिक, फैक्ट्री मालिक और व्यवसायी रोड को खा गए। वहां पर निर्माण कार्य हो गए हैं। नगर निगम में हजारों शिकायतें पेंडिंग पड़ी है। संपर्क पोर्टल पर शिकायताें का अंबार लगा है। लोगों ने सड़क के दोनों तरफ कब्जा कर निर्माण कार्य करवा लिया है।
कई लोगों ने रोड की जमीन को कब्जा कर बाड़ा बना लिया है। कइयों ने कमरे बना लिए हैं। कइयों ने चबूतरे बना लिए हैं। कइयों ने छपरे बना लिए हैं। कइयों ने दुकानें और फैक्ट्रियां बना ली है। कइयों ने उद्योग स्थापित कर लिए हैं। कहने का मतलब है कि लोग रोड को ही खा गए हैं। नगर निगम के अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। अब मधुबन की ही बात करें तो यहां पर रोड के दोनों तरफ कच्चे-पक्के निर्माण हो गए हैं और रोड संकरी हो गई है। निगम ने दर्जनों बार अतिक्रमण हटाने के नोटिस जारी किए हैं। क्षेत्रवासी पहली बात तो नोटिस तामील ही नहीं करते हैं। जबरन नगर निगम के अधिकारी मकानों-दुकानों-फैक्ट्रियों के बार नोटिस चस्पां कर देते हैं तो वहां तक ही कार्रवाई हो पाती है। ऐसे में लंबे समय से कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। अतिक्रमण करने वालों में रसूख वाले लोग हैं। कई शराब माफियाओं ने कब्जे कर लिए हैं। तो कई बड़े-बड़े बिजनेसमैन ने कब्जे कर रखे हैं। हालत यह है कि मधुबन में कब्जों की वजह से रोड पर कार खड़ी करने और बाइक खड़ी करने की जगह नहीं बची है। कई लोगों ने घर के आगे सड़क सीमा में चारदीवारी और बाउंड्रीवॉल बनाकर जगह घेर ली है। पार्किंग खुद की बना ली है। कई लोगों ने छपरे बना लिए हैं।
यह हाल बासनी पूरे इलाके के हैं। कुड़ी, सरस्वती नगर, रामेश्वर नगर, मधुबन और आसपास के तमाम इलाकों के एक से हाल है। कई जगह स्कूलों और कॉलेजों ने जमीनों पर कब्जा कर रखा है। नगर निगम में शिकायतों की फाइलें वर्षों से दबी हुई है। खाली प्लॉटों पर कब्जे हो गए हैं। घरों के बाहर निर्माण सामग्री पड़ी है। कई जगह निर्माण कार्य हो रहे हैं, इससे वाहनों का निकलना मुश्किल हो रहा है। मधुबन की गलियों की हालत यह है कि अगर कोई कार चालक अपनी कार बीच सड़क खड़ी कर दे तो कोई टैक्सी पास से नहीं निकल सकती। क्योंकि सड़क के दोनों तरफ लोगों ने निर्माण कर सड़क को संकरा कर लिया है। इन कब्जों करने वालों में बड़े बड़े भू माफिया शामिल है। क्षेत्र के पार्षदों की भी मिली भगत है। यही नहीं क्षेत्र के पार्षदों ने भी कब्जे कर रखे हैं। सड़कें बार-बार तोड़ रहे हैं। सीवरेज के ढक्कन गायब हो रहे हैं। अव्यवस्थाओं के बीच नगर निगम को कार्रवाई करने की फुर्सत नहीं है।
