पंकज जांगिड़. जोधपुर
सूरसागर, गांव गेंवा, कनावतों का बास स्थित श्री काहवां गोगाजी महाराज धाम एवं श्री नागेश्वर महादेव मंदिर में क्षेत्रवासियों व शिव भक्तों के सहयोग से धाम की गादीपति व कथावाचक साध्वी सीमा किशोरी महाराज के श्रीमुख से “एक लौटा जल सारी समस्या का हल” भावार्थ के साथ आयोजित हो रही कथा की पूर्णारती हुई। इसमें अनेक भक्त शामिल हुए। पूर्णारती के बाद सभी भक्तों को बिल्व पत्र और श्री शिवाय नमस्तु भयं के स्टीकर भेंट किए गए तथा सभी सहयोगियों का सम्मान किया गया।
अंतिम दिवस की कथा के दौरान साध्वी सीमा किशोरी महाराज ने शिव की महिमा, भक्ति और उनकी विभिन्न लीलाओं का वर्णन किया। उन्होंने शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों के महत्व, शिव की पंचदेवों में प्रधानता और कलियुग के बारे में विस्तार से बताया। ज्योतिर्लिंगों का महत्व बताते हुए कहा कि शिव पुराण में बारह ज्योतिर्लिंगों का वर्णन है, जो भगवान शिव के विभिन्न रूपों का प्रतीक हैं। इन ज्योतिर्लिंगों की पूजा से भक्तों को विशेष फल प्राप्त होता है। शिव पुराण में कलियुग के बारे में बताया गया कि कलियुग में अधर्म और अन्याय का बोलबाला होगा, लेकिन शिव भक्त और शिव की भक्ति उन्हें बचाएगी। शिव पुराण के अनुसार कलियुग में अधार्मिक और असंस्कारी लोग सत्ता हासिल करेंगे और वे जनता की सेवा और सुरक्षा करने में असफल होंगे। वे केवल जनता का धन लूटेंगे। इसके अलावा कलियुग में अन्धकार बढ़ेगा और अशुभता व्याप्त होगी
महाराज ने कहा कि शिव देवों के देव है और सभी भक्तो का कल्याण और मोक्ष प्रदान करते हैं। शिव पुराण में शिव की भक्ति को सबसे महत्वपूर्ण बताया गया है। शिव भक्तों को शिव की पूजा, आरती, और मंत्रों का जप करने के लिए प्रेरित किया जाता है। अंतिम दिन की कथा शिव पुराण का सार है। यह शिव के प्रति भक्तों की श्रद्धा और भक्ति को और मजबूत करती है। यह कथा शिव भक्तों को शिव की महिमा का ज्ञान देती है और उन्हें शिव की भक्ति के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती है। शिव पुराण के मुताबिक, ‘ॐ नमः शिवाय’ भगवान शिव का मूल मंत्र है. यह मंत्र बहुत प्रभावशाली माना जाता है। इस मंत्र के जप से बाधाएं दूर होती हैं और आरोग्य की प्राप्ति होती है।
