सोहनलाल वैष्णव. बोरुन्दा (जोधपुर)
जोधपुर में अच्छी बरसात के साथ ही किसान खरीफ सीजन की बुवाई कर रहे है। इसके लिए कृषि अधिकारियों ने किसानों को उर्वरक के उपयोग कि विशेष जानकारी दी।
संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार जोधपुर बी.के. द्धिवेदी ने बताया कि किसान बुवाई के समय आमतौर पर डीएपी उर्वरक का उपयोग का अधिक प्रचलन है। परंतु कृषि विशेषज्ञों के अनुसार उर्वरक में एनपीके 12: 32:16 अथवा यूरिया व सिंगल सुपर फास्फेट मिलाकर काम में लेना बेहतर विकल्प है। एनपीके उर्वरक में नत्रजन व फास्फेट के अतिरिक्त प्रचुर मात्रा में पोटाश भी प्राप्त हो जाती है। जबकि एक कट्टा डीएपी के स्थान पर तीन बैग एसएसपी व एक बैग यूरिया डालने पर 16 प्रतिशत अतिरिक्त सल्फर की मात्रा प्राप्त होती है।सल्फर फसल उपज वृद्धि के लिए चौथा उपयोगी तत्व है जिसे उत्पादन का वांच्छित लाभ होता है। इसको लेकर किसानों से अपील कि जाती है कि डीएपी की जगह एनपीके अथवा यूरिया व एसएसपी का प्रयोग अधिक से अधिक बेसलडोज में करना बेहतरीन विकल्प है। द्धिवेदी ने जिले के समस्त फिल्ड स्टाॅफ को निर्देशित किया कि इसका किसानों में अधिक से अधिक प्रचार प्रसार को महत्व देवे।
