कपास फसल में कीट व्याधियों को लेकर कृषि विभाग सजग
सोहनलाल वैष्णव. बोरुन्दा (जोधपुर)
सोमवार को खाद्य एवं पोषण सुरक्षा योजना अंतर्गत वाणिज्यिक फसल कपास हेतु जिला स्तरीय एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन अतिरिक्त निदेशक कृषि (विस्तार) खंड जोधपुर डॉ जी.आर मटोरिया के अध्यक्षता में किसान कॉम्प्लेक्स जोधपुर के सभागार में किया गया। इस प्रशिक्षण में संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) जिला परिषद जोधपुर ब्रज किशोर द्विवेदी ने प्रशिक्षण में आए कृषकों को एवं अधिकारियों का स्वागत किया गया। इसके पश्चात क्षेत्रीय निदेशक कृषि अनुसंधान केंद्र मंडोर डॉ एम एल मेहरिया जोधपुर जिले में कपास फसल के उत्पादन पर प्रकाश डाला। अतिरिक्त निदेशक कृषि (विस्तार) खंड जोधपुर डॉ जी.आर मटोरिया द्वारा कपास फसल में गुलाबी सुंडी के प्रकोप एवं प्रबंधन के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उपस्थित कृषकों को नियमित बी टी कपास की फसल में भ्रमण कर निगरानी करने तथा गुलाबी सूंडी या अन्य कीट का प्रकोप पाए जाने पर विभागीय सिफारिश अनुसार कीटनाशक रसायनों का न्यायोचित छिड़काव करने की सलाह दी। अनुसंधान अधिकारी आई. बी.सी जोधपुर के.एस. भारद्वाज द्वारा गुलाबी सुंडी के जीवन चक्र, प्रकोप एवं इसके प्रबंधन में फेरोमेन ट्रैप की उपयोगिता के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उपनिदेशक कृषि (कीट) डॉ रमेश कुमार सांप के द्वारा कपास फसल के प्रमुख कीटों के रोकथाम एवं गुलाबी सुंडी के मॉनिटरिंग हेतु फेरोमेन ट्रैप के उपयोग की जानकारी दी।उप निदेशक कृषि (पादप रोग विज्ञान) बंशीधर रेगर के द्वारा कपास फसल की विभिन्न बीमारियों एवं उनके रोकथाम के संबंध में जानकारी दी। सह आचार्य पादप रोग विज्ञान कृषि अनुसंधान केंद्र मंडोर डॉ अशोक कुमार मीणा द्वारा खरीफ फसलों के प्रमुख बीमारी के संदर्भ में विस्तार से जानकारी दी। आचार्य कीट विज्ञान कृषि अनुसंधान केंद्र मंडोर डॉ नारायणलाल डांगी द्वारा खरीफ फसलों के प्रमुख नाशी कीट एवं प्रबंधन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस प्रशिक्षण में 120 प्रतिभागियों द्वारा भाग लिया गया।
