शिवम् नाट्यालय का 40 वां एवम् 41 वां आरंगेत्रम संपन्न
राइजिंग भास्कर डॉट कॉम. जोधपुर
शिवम् नाट्यालय का 40वां एवं 41वां आरंगेत्रम एम्स ऑडिटोरियम में संपन्न हुआ। जिसमें अंशिका कमल एवं द्विता बुच ने अपने गुरु के साथ घुंघरू पूजा कर घुंघरू ग्रहण किए। अपनी प्रथम प्रस्तुति पुष्पांजलि ताल आदितालम में की। उसके बाद अलारिपु चतुरस्य एकम ताल में व जातिस्वरम राग हेमावती में प्रस्तुत किया। शब्दम में द्रोपदी चीर हरण पर कृष्ण लीला का भावपूर्ण अभिनय पेश किया। चिदंबरम की कविता “नल्ला शगुनम” पर आधारित वर्णम राग मलिका में एवम् पराशक्ति जननी द्वारा पदम की बारीकियों को व दुर्गा के शृंगार रस, वियोग रस, वीर रस और रौद्र रस को आदितालम में दिखाकर सबको भावविभोर कर दिया। राग बहाग में तिल्लाना प्रस्तुत कर खूब तालियां बटौरी।
अंत में मंगलम प्रस्तुत कर शिष्याओं ने अपने गुरु एवं दर्शकों को धन्यवाद दिया। गुरु डॉ.मंजूषा सक्सेना ने दोनों शिष्याओं को भारतीय संस्कृति एवं भरतनाट्यम गुरु शिष्य परंपरा को निभाने के लिए शपथ ग्रहण करवाई। साथ ही उन्हें स्नातक की डिग्री प्रदान की। गुरु डॉ.मंजूषा ने आरंगेत्रम के महत्व को समझाते हुए बताया कि 2000 ईसा पूर्व भरतनाट्यम का इतिहास है। और तब से आरंगेत्रम की प्रथा भी चली आ रही है। पहले के समय में बालिकाओं को गुरुकुल में छोड़ा जाता था और वह अपनी नृत्य साधना पूरी कर राजा महाराजाओं के समक्ष, गुरुओं के समक्ष अपने नृत्य की प्रस्तुति देती थी। इस प्रथा को आज भी उतनी श्रद्धापूर्वक मनाया जाता है। यह गुरु शिष्य परंपरा का अनूठा उदाहरण है। उनकी संस्था विगत 25 वर्षो से जोधपुर में भरतनाट्यम के क्षेत्र में लगातार कार्य कर रही है।संस्था ने देश में अपनी एक पहचान बनाई है।
मुख्य अतिथि के रूप में डॉ.माधबानंद कर कार्यकारी निदेशक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान जोधपुर, डॉ. कुलदीप सिंह डीन एकेडमिक्स एम्स, श्री रवींद्र जोशी सेवानिवृत्त जिला जज, डॉ सुरजीत घटक डीन स्टूडेंट वेलफेयर एम्स, डॉ. दीपक झा अध्यक्ष संस्थान सांस्कृतिक समिति एम्स, डॉ. आरके आसेरी प्राचार्य राजकीय मेडिकल कॉलेज बाड़मेर, राज्य उपभोक्ता आयोग के सदस्य लियाकत अली उपस्थित थे।…अतिथियों ने शिवम नाट्यालय की इस पहल को सराहा और उम्मीद जताई की आने वाले समय में जोधपुर, राजस्थान में भरतनाट्यम के लिए जाना जाएगा।किसी ख्याति प्राप्त संस्था से आरंगेत्रम करना मायने रखता है। ये डिग्री देश में ही नहीं विदेश में भी महत्वपूर्ण है। विदेश जाकर पढ़ाई करने में, वीजा मिलने में व टॉप यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने में बहुत सहायक होती हैं। बालिकाएं अपने पैरों पर खड़ी होती हैं। राज्य उपभोक्ता आयोग के सदस्य लियाकत अली ने भी भारतीय संस्कृति की इस धरोहर को बचाए रखने और इसे नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए संस्था की सराहना की। शिष्याओ के अविभावकों ने सभी अतिथियों का स्वागत एवं आभार प्रगट कर गुरु को सम्मान देते हुए धन्यवाद दिया। इस कार्यक्रम में मंच संचालन संस्थान की सीनियर छात्राएं दिव्यांशी चौधरी एवं सिमरन शर्मा द्वारा किया गया।