राइजिंग भास्कर डॉट कॉम. जोधपुर
आज दिनांक 7 जून के दैनिक भास्कर अखबार में विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस 7 जून के मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का मुस्कराता चेहरा और विज्ञापन है। विज्ञापन का मजबून यह है कि आप मिलावटखोरों के खिलाफ शिकायत दें और आपको 51 हजार रुपए का इनाम दिया जाएगा। यह विज्ञापन पढ़कर हमने दिए गए हेल्पलाइन नंबर 181 नंबर पर फोन किया। यहां पर जिस अटेंडर ने फोन उठाया उसने बताया कि उसका काम काम केवल शिकायत दर्ज करना है और शिकायत की गंभीरता को देखते हुए संबंधित जिम्मेदारों तक पहुंचाना है। कार्रवाई होगी? नहीं होगी? कब होगी? कौन करेगा? इनाम की राशि कब मिलेगी? कैसे मिलेगी? खाते में जमा होगी या नकद मिलेगी? इनमें से किन्ही सवालों का जवाब नहीं मिला।
जब हमने अटेंडर से पूछा कि विज्ञापन में कलेक्टर कार्यालय को शिकायत करने की बात भी कही गई है। कलेक्टर कार्यालय के नंबर कहीं नहीं दिए हैं। आम पब्लिक को कलेक्टर कार्यालय के नंबर याद नहीं रहते और न ही वे जेब में रखते। कम से कम राजस्थान के सभी कलेक्टर कार्यालयों के नंबर तो देते। इस पर अटेंडर ने अपनी मजबूरी बताई और कहा कि उनका काम केवल शिकायत लेना है, क्या कार्रवाई होती है, होती भी है या नहीं उसका कोई लेना देना नहीं है। हमनें जब अटेंडर से पूछा कि मिलावटखोर रसूख वाला हो और उसके खिलाफ कोई रिस्क लेकर शिकायत करे और कार्रवाई एक हफ्ते तक नहीं हो तो इस बीच तो शिकायत करने वाले का मर्डर तक हो सकता है। ऐसे में सरकार ने शिकायत करने वाले की सुरक्षा का क्या बंदोबस्त किया है? इस पर अटेंडर से कुछ भी कहते नहीं बना। मान लीजिए अगर कोई कलेक्टर कार्यालय में सूचना देता है तो उसकी सूचना किस जिम्मेदार क्लर्क के पास जाएगी और उसकी गोपनीयता की क्या गारंटी होगी, ऐसे में तो शिकायतकर्ता की जान पर बन आएगी। कुल मिलाकर शुद्ध के लिए युद्ध अभियान एक धोखा है। पिछले दिनों जैसलमेर में एक्सपायरी सगार खाने से 200 लोग फूड पाइजनिंग के शिकार हो गए थे, कलेक्टर टीना डाबी ने बड़ी-बड़ी बातें की थी, अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। यहां आम आदमी की जान की कीमत बहुत सस्ती है। इसलिए मूर्ख बने रहें और सरकारों को आम आदमी को मूर्ख बनाने दिया जाए।
