Explore

Search

Monday, November 10, 2025, 3:45 pm

Monday, November 10, 2025, 3:45 pm

LATEST NEWS
Lifestyle

‘बेटा पत्रकार बने हो, सच लिखते समय कभी कलम डगमग ना हो, कोई प्रलोभन राह से विचलित ना करे’

Share This Post

मात्र साक्षर और चपरासी पिता को बेटे की पत्रकारिता के कारण नौकरी से टर्मिनेट करने की धमकियां मिली, मगर बेटे को कभी कमजोर नहीं पड़ने दिया

(दैनिक भास्कर की प्रतियोगिता में भेजी मेरी प्रविष्टि जो सलेक्ट नहीं हो पाई)

दिलीप कुमार पुरोहित. जोधपुर

तब मैं हिन्दुस्तान का रिपोर्टर हुआ करता था। आज मैं दैनिक भास्कर जोधपुर में सीनियर सब एडिटर हूं। सच मानूं तो मेरे पिता ही मेरे आदर्श हैं। पिता के होते मैंने अपने आपको कभी कमजोर नहीं समझा। मैं जब पुलिस और प्रशासन के खिलाफ खबरें लिखता। तस्करों के खिलाफ मुहिम छेड़ता। राजनेताओं की नींद उड़ाता। जजों के खिलाफ लिखता। पूंजीवादी ताकतों को निशाना बनाता। तब पिताजी को धमकियां मिलती। एक बार तो सचिवालय से फोन आया- ‘बेटे को समझा ले नहीं तो नौकरी से निकाल दिए जाओगे…।‘ मेरे पिताजी चपरासी थे। अधिक पढ़े लिखे भी नहीं थे, मात्र साक्षर थे। हार्ट के मरीज भी। मगर बहादुर। वे खामोश रहते, पर घर में आते ही कहते बेटा- ‘मैं रहूं ना रहूं, तेरी कलम आग बरसाती रहे। सच लिखते समय तेरी कलम कभी डगमग ना हो। कोई भी प्रलोभन तुम्हें कर्तव्य पथ से विमुख ना करे। मैं तो जीवन में कुछ बन नहीं सका, मगर मुझे फक्र है कि मेरा बहादुर बेटा पत्रकार है। वो दुनिया के लिए न्याय की लड़ाई लड़ता है।‘

मेरे पिताजी अब रिटायर हैं। वे जैसलमेर में अशक्त मां की सेवा करते हैं। अखबार की नौकरी में मुझे अक्सर छुट्टी नहीं मिलती, मगर पिताजी कहते हैं- ‘बेटा काम कर, तेरा तो कुनबा पूरा देश है।‘ जब ऑपरेशन सिंदूर हुआ तो जैसलमेर पर ड्रोन हमले की खबरें आईं। मैंने फोन किया तो बोले- ‘एमईएस में भी काम किया है। 1971 की लड़ाई में गड्ढे खोदे हैं। ऐसी लड़ाई से डरने वाला नहीं हूं।‘ वाकई मैने जीवन में किसी से ना डरने का सबक अपने पिताजी से ही सीखा। वे चपरासी रहते हुए भी सिद्धांतों पर अडिग रहे। गलत बात पर अफसरों से भी भिड़ जाते थे। फादर्स डे पर आज उनके आदर्शों को याद करता हूं तो लगता है कि मेरी जीत के लिए उन्होंने खुद हारना स्वीकार किया, मगर मेरी जीत की हमेशा कामना की।

दिलीप कुमार पुरोहित
पुत्र श्री बालकिशन पुरोहित
सीनियर सब एडिटर,
दैनिक भास्कर,
2 घ 16, मधुबन हाउसिंग बोर्ड, जोधपुर-राजस्थान

Rising Bhaskar
Author: Rising Bhaskar


Share This Post

Leave a Comment