इस बार सारे समीकरण उलटे होंगे। पहली बार बीकानेर का कोई व्यक्ति मुख्यमंत्री बन सकता है। इसमें भाजपा से अर्जुनराम मेघवाल सबसे सशक्त उम्मीदवार है। वे वर्तमान में कानून एवं न्याय मंत्री है। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली पसंद है और उम्मीद लगाई जा रही है कि इस बार अगर भाजपा को बहुमत मिला तो वे ही राजस्थान के दूसरे दलित समुदाय से मुख्यमंत्री होंगे।
डीके पुरोहित. जोधपुर
अगर राजस्थान में भाजपा को बहुमत मिलता है तो अर्जुनराम मेघवाल दूसरे दलित मुख्यमंत्री बन सकते हैं। इससे पहले कांग्रेस की ओर से जगन्नाथ पहाड़िया राजस्थान के प्रथम दलित मुख्यमंत्री थे। जगन्नाथ पहाड़िया ने मात्र 25 वर्ष की उम्र में राजनीति में प्रवेश किया। पहाड़िया 6 जून 1980 से 14 जुलाई 1981 तक मात्र 13 महीनों के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे। 1957 में जगन्नाथ पहाड़िया प्रथम बार सवाई माधोपुर सीट से चुनाव लड़े और लोकसभा पहुंचे और लोकसभा के सबसे युवा सांसद रहे। राजस्थान में पूर्ण रूप से शराबबंदी करने वाले प्रथम मुख्यमंत्री रहे। जगन्नाथ पहाड़िया 4 बार सांसद और 4 बार विधायक रहे। पहाड़िया सन 1957, 1967, 1971 और 1980 में चार बार सांसद रहे और जगन्नाथ 1980, 1985, 1999 और 2003 में 4 बार विधायक रहे। 1989 से 1990 तक बिहार के राज्यपाल रहे। 2009 से 2014 तक हरियाणा के राज्यपाल भी रहे
अर्जुनराम मेघवाल का जन्म 7 दिसंबर 1954 को हुआ। वे वर्तमान में देश के कानून एवं न्याय तथा केंद्रीय संस्कृति एवं संसदीय कार्य मंत्री है। वे पूर्व केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री एवम् पूर्व केन्द्रीय जल संसाधन, गंगा विकास मंत्री रह चुके हैं। वे बीकानेर लोकसभा क्षेत्र से सांसद है। वे भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नेता है। वे 17वीं लोकसभा के बीकानेर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद हैं।
वर्ष 1977 में कानून में स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी करने के बाद और 1979 में आर्ट्स में नियमित छात्र के रूप में स्नातकोत्तर पूरा करने के बाद, 1982 में उन्होंने आरएएस परीक्षा उत्तीर्ण की और राजस्थान उद्योग सेवा के लिए चुने गए। उन्होंने जिला उद्योग केंद्र में सहायक निदेशक के रूप में नियुक्त किया और राजस्थान के झुनझनू, धौलपुर, राजसमंद, जयपुर, अलवर और श्रीगंगानगर जिलों के जिल उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक के रूप में काम किया।
वर्ष 1994 में, उन्हें राजस्थान के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री श्री हरिश्चंद्र भाभा को विशेष ड्यूटी (ओएसडी) के अधिकारी नियुक्त किया गया था। डीई को ओएसडी के रूप में काम करते समय मुख्यमंत्री, जयपुर के जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक का भी उनके पास था। उसी वर्ष, उन्हें राजस्थान उद्योग सेवा पेरिस के लिए राज्य अध्यक्ष के रूप में चुना गया। फिर, उन्हें बाड़मेर में अतिरिक्त कलेक्टर (विकास) के रूप में नियुक्त किया गया। बाद में, उन्होंने डॉ अंबेडकर मेमोरियल वेलफेयर सोसाइटी, राजस्थान के महासचिव के चुनाव जीता। उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवाओं (आईएएस) में पदोन्नति भी की और कई प्रशासनिक पदों पर काम किया जैसे कि उप सचिव, तकनीकी शिक्षा; विशेष सचिव, उच्च शिक्षा; राजस्थान के प्रबंध निदेशक, नागपुर लिमिटेड निगम लिमिटेड; अपर आयुक्त; वाणिज्यिक कर विभाग; जिला कलेक्टर और जिला न्यायाधीश चुरु राजनीति में शामिल होने के लिए उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा से स्वेच्छा से सेवानिवृत्ति ली।
वर्ष 200 9 में, बीकानेर निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी का प्रतिनिधित्व करने वाले संसद सदस्य के रूप में उन्हें चुना गया। 2 जून 200 9 को लोकसभा में संसद के सदस्य के रूप में शपथ ली। सामान्य चुनाव 2014 में, उन्हें 16 वीं लोकसभा के लिए बीकानेर के निर्वाचन क्षेत्र से फिर से निर्वाचित किया गया। एक एमपी के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान, वह लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी के मुख्य सचेतक थे। लोक सभा के अध्यक्ष ने भी उन्हें लोक समिति के अध्यक्ष के रूप में नामित किया, लोकसभा। मेघवाल ने 5 जुलाई 2016 को वित्त राज्य मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। उन्होंने माल और सेवा कर के सफल कार्यान्वयन के लिए उल्लेखनीय काम किया है।
अर्जुनराम मेघवाल की संभावना इसलिए भी…
इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान में दलित कार्ड खेल सकते हैं। राजपूत समुदाय से भैरोसिंह शेखावत मुख्यमंत्री बन चुके हैं। वसुंधरा राजे भी सीएम बन चुकी है। इधर गजेंद्रसिंह शेखावत भी राजस्थान के मुख्यमंत्री बनने के सपने देख रहे हैं, मगर अभी जो संभावना बन रही है और जो हालात बन रहे हैं, उनमें सबसे ऊपर नाम अर्जुनराम मेघवाल का है। वे भी सही मायने में राजस्थान के मुख्यमंत्री के दावेदार भी हैं। मेघवाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद मंत्री है। उनमें राजस्थान को संभालने और सबको साथ लेकर चलने का मादा भी है। गजेंद्रसिंह शेखावत की जबान पर भी कंट्रोल नहीं है। वे मुख्यमंत्री बनने के लिए बार-बार अशोक गहलोत की खिलाफत करते हैं। अब शेखावत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नजरों से उतर चुके हैं। मोदी को ऐसा मुख्यमंत्री चाहिए जो शांत-शालिन और समझदार हो। शेखावत बड़बोले अधिक हैं। वे महत्वाकांक्षी ज्यादा है। सबको साथ लेकर चलना उनके वश की बात नहीं है। राजस्थान में वैसे भी राजपूत समुदाय से भैरोसिंह लंबे समय तक मुख्यमंत्री रह चुके हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए चेहरे को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाना चाहेंगे और पूरी संभावना है कि इस बार अर्जुनराम मेघवाल राजस्थान के मुख्यमंत्री बन जाए।
साफ और बेदाग छवि और कानून के जानकार है मेघवाल
अर्जुनराम मेघवाल की छवि साफ और बेदाग है। वे कानून के जानकार हैं। साथ ही उनकी विशेषता यह है कि वे सादगी पसंद है। आज भी साइकिल पर सवारी करना पसंद करते हैं। जनता के करीब है। जो छवि राजस्थान में अशोक गहलोत की है, वही छवि भाजपा में अर्जुनराम मेघवाल की है। वे सही मायनों में छत्तीस कौम के नेता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वे विश्सनीय टीम सदस्य हैं। बीकानेर से उनका जीतना भी तय है। जबकि गजेंद्रसिंह शेखावत कहां से चुनाव लड़ते हैं, यह अभी तक तय भी नहीं हैं। और चुनाव लड़ते भी हैं तो जीतना भी तय नहीं है। जबकि अर्जुनराम मेघवाल का इस बार जीतना तय है। बीकानेर की जनता उन्हें पसंद करती है। उनकी सरल-सौम्य छवि उन्हें विक्टर बनाती है। अंदर ही अंदर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का खेल इस बार राजस्थान से दलित मुख्यमंत्री बनाने का है। अगर भाजपा को बहुमत मिलता है और राजस्थान के मुख्यमंत्री का सवाल खड़ा होगा तो अर्जुनराम मेघवाल मोदी की पहली पसंद बताई जा रही है।