प्रिंसिपल डॉ. स्वाति सिंह बताती हैं कि 17 साल पहले 2007 में मधुबन में स्थापित आरएसएम इंटरनेशनल स्कूल भीड़ से अलग हैं, क्योंकि यहां शिक्षा के माध्यम से स्टूडेंट का सर्वांगीण विकास पर जोर रहता है
डीके पुरोहित. जोधपुर
मधुबन हाउसिंग बोर्ड में आरएसएम इंटरनेशनल स्कूल ने 17 साल में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। यह शिक्षण संस्थान अपने आप में अनूठा है। यहां आकर स्टूडेंट्स बेहतर भविष्य की उड़ान भरते हैं वहीं यहां का शैक्षिक माहौल बच्चों को गरिमामय वातावरण भी उपलब्ध करवाता है। इस शिक्षण संस्थान के अंतर्गत 12वीं तक सीबीएसई का स्कूल, बीएससी नर्सिंग कॉलेज, बीए बीएससी अंडर ग्रजुएट कॉलेज भी हैं। यहां की प्रिंसिपल डॉ. स्वाति सिंह ऊर्जावान व्यक्तित्व रखती हैं और एजुकेशन को लेकर काफी उत्साहित हैं। उनका कहना है कि हमारे यहां बच्चों को केवल किताबी ज्ञान नहीं दिया जाता। हम बच्चों के भविष्य को लेकर आशान्वित हैं और उनके सर्वांगीण विकास पर जोर देते हैं।
जब हम आरएसएम इंटरनेशनल स्कूल की बिल्डिंग में प्रवेश करते हैं तो खुला-खुला परिवेश हमारा स्वागत करता है। यहां का स्टाफ काफी विनम्र है। किसी भी संस्थान के कर्मचारी वहां की पूंजी होते हैं। यही पूंजी आरएसएम इंटरनेशनल स्कूल को और स्कूलों से अलग बनाती है।
10वीं में 37 और 12वीं में 50 स्टूडेंट्स प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण
आरएसएम इंटरनेशनल स्कूल का परीक्षा परिणाम हर साल उत्कृष्ट रहता है। वर्ष 2023-24 में स्कूल का परिणाम काफी उत्साहजनक रहा। अनिता मेम ने बताया कि 10वीं कक्षा में 75 बच्चों में से 37 बच्चे प्रथम श्रेणी से पास हुए। इसी तरह 12वीं में 200 बच्चों में से 50 बच्चे प्रथम श्रेणी से पास हुए। इस परिणाम का श्रेय बच्चों की मेहनत को तो जाता ही है साथ ही साथ टीचर्स का प्रत्येक स्टूडेंट्स पर व्यक्तिगत ध्यान देने और हर छात्र-छात्रा को सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाना भी अच्छे परिणाम का कारण है। बच्चे न केवल यहां क्लास में पढ़ते हैं, वरन उन पर अतिरिक्त ध्यान दिया जाता है। यहां कमजोर बच्चों पर विशेष मेहनत की जाती है।
लैब, लाइब्रेरी और कंप्यूटर लैब स्कूल की ताकत
स्कूल की प्रिंसिपल डॉ. स्वाति सिंह बताती हैं कि आरएसएम इंटरनेशनल स्कूल की उन्नत लैब, समृद्ध लाइब्रेरी और स्पेशल कंप्यूटर लैब ताकत है। यहां बच्चे लैब में प्रैक्टिकल करते हैं और उन्हें प्रयोग में तरह-तरह की सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई है। लैब में हर तरह के उपकरण मौजूद हैं। साइंस के स्टूडेंट्स की यहां जिज्ञासा शांत होती है और शिक्षण का व्यावहारिक अध्ययन किया जाता है। लाइब्रेरी में हर विषय की जहां बुक मौजूद हैं वहीं बच्चों को प्रकृति के करीब जाने, आधुनिक विषयों से संबंधित और हर सब्जेक्ट से संबंधित किताबें मौजूद हैं। कंप्यूटर लैब में यहां उन्नत तकनीक के कंप्यूटर मौजूद हैं। कंप्यूटर शिक्षा को यहां प्रशिक्षित टीचर्स हैंडल करते हैं। कंप्यूटर में स्टूडेंट्स विशेष रूचि दिखाते हैं। शिक्षण का कार्य अधिकतर कंप्यूटर पर होता है।
नई शिक्षा नीति को साकार कर रहा स्कूल
स्कूल की प्रिंसिपल डॉ. स्वाति सिंह बताती हैं कि हम नई शिक्षा नीति को स्कूली शिक्षा में आत्मसात कर रहे हैं। नई शिक्षा नीति के अनुरूप स्कूल में सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं। बच्चों के भविष्य को देखते हुए उन्हें शिक्षा का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाता है। खासकर प्राथमिक शिक्षा से लेकर हायर एजुकेशन में बच्चों की क्षमताओं को पहचानकर उनके मानसिक स्तर तक जाकर एजुकेशन दी जाती है। नई शिक्षा नीति के अनुसार बच्चों को आधारभूत शिक्षा के साथ रोजगारपक संसाधनों के प्रति जागरूक करना भी है। खासकर बच्चों को उनकी रुचि के अनुसार शिक्षण करवाकर उन्हें आंतरिक खुशी दी जाती है। एक बच्चा जब घर से स्कूल पढ़ने के लिए आता है और यहां आकर वह स्कूल में इतना डूब जाता है कि उसे खेल-खेल में शिक्षण का माहौल मिलता है तो वह शिक्षा को हौव्वे के रूप में नहीं लेता और न ही तनाव महसूस करता है। यही आरएसएम इंटरनेशनल स्कूल की रीति-नीति है।
14 से ज्यादा गेम, प्रशिक्षित कोच स्कूल की विशेषता
प्रिंसिपल डॉ. स्वाति सिंह ने बताया कि स्कूल में 14 से ज्यादा गेम खिलाए जाते हैं। सभी गेम के लिए प्रशिक्षित कोच हैं। इन प्रशिक्षित कोच के निर्देशन में स्कूल के बच्चों ने नेशनल तक प्रदर्शन किया है। हर एक्टीविटी में बच्चे उत्साह दिखाते हैं। विभिन्न गेम्स में बच्चों का रुझान देखते ही बनता है। गेम्स से संबंधित सामग्री भी मौजूद है। हर स्टूडेंट को उसकी रुचि के अनुरूप गेम में भाग लेने की सुविधा उपलब्ध है।
एनसीसी व स्काउट गाइड में स्टूडेंट्स निभा रहे भागीदारी
प्रिंसिपल ने बताया कि स्कूल में एनसीसी और स्काउट गाइड में स्टूडेंट्स भागीदारी निभा रहे हैं। एनसीसी और स्काउट गाइड के रूप में बच्चे अच्छे नागरिक बन समाज के लिए कुछ करने का जज्बा रखते हैं। किसी भी स्कूल को एनसीसी और स्काउट गाइड नई पहचान देते हैं। स्कूल में एनसीसी और स्काउट गाइड के लिए बच्चों को सभी आवश्यक फेसिलिटीज उपलब्ध करवाई गई है। इनके लिए अलग से टीचर्स हैं जाे गतिविधियों का संचालन करते हैं।
एडवांस्ड डांस स्टूडियों ने दी विशिष्ट पहचान
प्रिंसिपल डॉ. स्वाति सिंह ने बताया कि स्कूल में एडवांस्ड डांस स्टूडियों ने विशिष्ट पहचान दी है। डांस के क्षेत्र में बालिकाओं ने विशेष रुचि दिखाई है। डांस के विभिन्न प्रकार को संबंधित टीचर्स बखूबी स्टूडेंट्स को प्रशिक्षित करते हैं। एडवांस्ड डांस स्टूडियों के माध्यम से बालिकाओं को सभी साजो-सामान पर प्रतिभा निखारने का मंच मिलता है। स्टूडेंट अपने टैलेंट को आसमां की बुलंदियों तक पहुंचा पाते हैं। विभिन्न एक्टीविटीज में भाग लेकर स्टूडेंट्स कई मेडल जीत चुके हैं। यह सब स्कूल के समर्पित टीचर्स और एजुकेशन संसाधनों की वजह से संभव हो पाया है।
शिक्षा से बेहतर भारत के निर्माण को अग्रसर है स्कूल
प्रिंसिपल का कहना है कि आरएसएम इंटरनेशनल स्कूल शिक्षा के माध्यम से बेहतर भारत निर्माण के सपने को साकार करने की इच्छा रखता है। हर स्कूल का अपना उद्देश्य होता है। आरएसएम इंटरनेशनल स्कूल का उद्देश्य भी शिक्षा में नए कीर्तिमान स्थापित करना है। हम शिक्षा के माध्यम से एक सशक्त और क्षमतावान भारत के निर्माण की ओर अग्रसर है। हमारा उद्देश्य है हर बच्चा राष्ट्र निर्माण के यज्ञ में अपनी आहुति दें। शिक्षा ही वह जरिया है जिसके माध्यम से किसी देश की नींव रखी जा सकती है। आरएसएम इंटरनेशनल स्कूल में आकर स्टूडेंट्स आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ बेहतर भविष्य को साकार करने का ख्वाब पूरा करता है। शिक्षा ही व्यक्ति का शृंगार होता है। शिक्षा से ही समाज में उजियारा होता है। शिक्षा से ही संस्कारों का पोषण होता है। हर माता-पिता का सपना होता है कि उसका बच्चा सही एजुकेशन प्राप्त करें और यह सपना पूरा करता है आरएसएम इंटरनेशनल स्कूल।