भामाशाहों व सहयोगियों का हुआ सम्मान
सोहनलाल वैष्णव. बोरुंदा (जोधपुर)
निकटवर्ती बीटन गांव की गंवाई नाडी तालाब का जनसहयोग से 13 दिन में करीब 13 लाख की लागत से पांच फीट का शानदार खुदाई कार्य हुआ इसमें भामाशाह व सहयोगियों का सम्मान किया गया।
बीटन नाडी तालाब को बादल नाडी भी कहते हैं यहां के बाशिंदे इस नाडी में बारिश से एकत्रित हुआ पानी को पेयजल के रूप में काम में लेते हैं तथा नाडी की साफ सफाई व रखवाली को लेकर ग्रामीणों द्वारा देखरेख भी की जाती है। पिछले करीब 15 वर्षों तक खुदाई कार्य नहीं हुआ था इस बार दो दर्जन से अधिक ग्रामीणों ने जन सहयोग से यह खुदाई कार्य करवाया गया। बीटन तालाब में खुदाई कार्य पच्चीस ट्रैक्टर व पांच जेसीबी मशीनों से 13 दिन में लगभग 13 लाख का खर्च हुआ जो जनसहयोग से ख़र्च किये गए। इस दौरान गौतम बडियार विकास अधिकारी, मनसुख भाई प्रिन्स, सरपंच पुरुषोत्तम दास, अमित गर्ग, रामेश्वर दास, घीसाराम ग्वाला, पुखराज, कानाराम बांगड़ा, भाकरराम चोयल, बक्साराम गोदारा, ज्ञान सिंह, रामप्रकाश सियाग, लालसिंह, नेमाराम, तिलोकराम बडियार, सियाराम, रामनिवास सियाग, मेट नाथुराम गोदारा, रतन खदाव, पेमाराम बांगड़ा, सुवालाल गोदारा, बाबुलाल सियाग, मिश्रीलाल गोलिया, मनोहर बडियार व रामलाल खदाव सहित कई ग्रामीण उपस्थित रहे। इस खुदाई कार्य में काम करने वाले जेसीबी ऑपरेटर व ट्रैक्टर चालकों का साफा पहनाकर बुधवार को अभिनंदन किया गया।
फैक्ट फाइल
– मेड़ता उपखंड का बीटन गांव।
– आबादी करीब छः हजार।
– गंवाई तालाब बादल नाडी।
– विक्रम संवत करीब 1560 से 1580 के बीच में बनाई गई नाडी।
– कुल क्षेत्रफल 1500 बीघा
-जल भराव क्षेत्रफल करीब 80 बीघा।
– 15 वर्ष बाद एक बार फिर खुदाई।
-तेरह दिन में 13 लाख खर्च
-पांच जेसीबी व पच्चीस ट्रैक्टर से कार्य।
– साफ सफाई को लेकर निगरानी कमेटी जुर्माने का प्रावधान।
– सात फीट से तेरह फीट गहराई तक की खुदाई।
