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Friday, April 18, 2025, 3:14 am

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वो हार कर रो रहे थे, हम जीतकर : हिन्दुस्तान ने संयम से जीता T20 वर्ल्ड कप

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-भारत दूसरी बार ट्वेंटी-ट्वेंटी कप वर्ल्ड विजेता, इंग्लैंड व वेस्टइंडीज भी कर चुके हैं यह कारनामा

-यह एक ऐसा मैच था जिसमें अक्षर पटेल ने 15वें ओवर में 24 रन देने के बाद साउथ अफ्रीका के पक्ष में बाजी चली गई थी, मगर बुमराह और हार्दिक पंडया ने कैसे मैच का रुख बदला और सूर्य कुमार का कैच कैसे भारत की झोली में मैच ले आया, यह जुनून, जोश के साथ भारत के धैर्य और संयम की जीत थी, क्योंकि अक्सर दबाव में भारतीय टूट जाते हैं, मगर इस बार ऐसा नहीं हुआ और हमने जता दिया कि हम क्यों हिन्दुस्तानी हैं…

डी.के. पुरोहित. जोधपुर

इस ट्वेंटी-ट्वेंटी वर्ल्ड कप में नया प्रयोग हुआ। विराट कोहली को आरंभ में भेजा गया। वे अक्सर आरंभ में नहीं आते हैं। यह प्रयोग असफल हुआ। लगभग सभी मैचों में वे फ्लॉप ही रहे। उन्हें टीम से बाहर निकालने तक की चर्चाएं हो रही थीं। कुछ लोग मान रहे थे कि जानबूझकर कोहली को आरंभ में भेजा गया, ताकि वे सफल नहीं हो और उन्हें कहा जा सके कि आप अब ट्वेंटी-ट्वेंटी के लायक नहीं रहे। जब आदमी का बुरा दौर आता है तो बहुत बुरी तरह आता है। मगर सफल व्यक्ति और सफल खिलाड़ी वही होता है जो बुरे दौर के बाद भी अपने को साबित करता है। विराट कोहली के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। पहले भी हमने देखा था और इस वर्ल्ड कप में भी। जब फाइनल मैच शुरू हुआ तो कई भारतीयों को भरोसा था कि फाइनल में विराट का बल्ला जरूर चलेगा। कई लोगों ने प्रार्थनाएं की कि हे भगवान विराट इस बार सफल हो। कई ग्रुपों में तो बाकायदा विराट कोहली की आंखों में काजल डाला हुआ और टीका लगा हुआ फोटो देखा गया और नींबू मिर्ची का टोटका भी किया गया। कुल मिलाकर सभी चाहते थे कि विराट का विराट प्रदर्शन हो। और यही हुआ। विराट ने बता दिया कि 76 रन की पारी उन्होंने ऐसे समय में खेली जब लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे कप्तान रोहित शर्मा का बल्ला नहीं चला। उन्होंने मुश्किल समय में टीम को थामे रखा। रन भी बनते रहे। स्कोर आगे बढ़ता रहा। टीम इंडिया की इस जीत का हीरो वो खिलाड़ी रहा जिसका बल्ला फाइनल से पहले पूरी तरह से शांत था। उनको टीम से बाहर करने की बातें भी हो रही थीं, लेकिन विराट कोहली क्यों महान हैं, उन्होंने इस मैच में बताया। फाइनल में कोहली ने 76 रनों की पारी खेली। उनकी ये पारी दबाव में आई। रोहित शर्मा (9) दूसरे ओवर में आउट गए। ऋषभ पंत खाता तक नहीं खोल पाए। यहां से कोहली ने जिम्मदेारी भरी पारी खेली। उन्होंने अक्षर पटेल के साथ मिलकर 72 रनों की साझेदारी की। अक्षर पटेल अपना अर्धशतक पूरा नहीं कर सके। उन्होंने 31 गेंदों पर 47 रन बनाए। अपनी पारी में अक्षर ने चार छक्के और एक चौका मारा। कोहली ने फिर शिवम दुबे के साथ मिलकर 57 रन जोड़े। 19वें ओवर की पांचवीं गेंद पर कोहली आउट हो गए। अपनी पारी में इस बल्लेबाज ने 59 गेंदों का सामना करते हुए छह चौके और दो छक्के मारे। दुबे आखिरी ओवर की चौथी गेंद पर आउट हो गए। उन्होंने 16 गेंदों पर 27 रन बनाए। दुबे की पारी में तीन चौके और एक छक्का शामिल रहा। हार्दिक पांड्या ने दो गेंदों पर नाबाद पांच रन बनाए। रवींद्र जडेजा दो रन बनाकर आउट हो गए।

177 रनों के टारगेट का पीछा करने उतरी साउथ अफ्रीका टीम को भारत ने अच्छी शुरुआत नहीं करने दी। दूसरे ओवर की तीसरी गेंद पर जसप्रीत बुमराह ने रीजा हैंड्रिक्स को बोल्ड कर दिया। तीसरे ओवर में अर्शदीप ने साउथ अफ्रीकी कप्तान एडेन मार्करम को ऋषभ पंत के हाथों कैच कराया। वह चार रन बनाकर आउट हो गए। इस बीच क्विंटन डीकॉक ने विकेट पर पैर जमा लिए थे। ट्रिस्टन स्टब्स ने उनका साथ दिया। स्टब्स ने हालांकि अपनी ही गलती से विकेट खो दिया। वह अक्षर पटेल की गेंद पर ऑफ स्टंप के बाहर जाकर मारना चाहते थे लेकिन चूक गए और बोल्ड हो गए। स्टब्स ने 31 रन बनाए।

डीकॉक और क्लासेन का प्रहार

स्टब्स के जाने का डीकॉक पर असर नहीं पड़ा और वह तूफानी अंदाज में रन बनाते रहे। हेनरिक क्लासेन ने अपने चिर-परिचित अंदाज में लंबे शॉट्स लगाने शुरू किए। डीकॉक खतरनाक होते दिख रहे थे। दोनों बल्लेबाज स्पिनरों को अच्छे से खेल रहे थे, इसलिए रोहित ने अर्शदीप सिंह को वापस बुलाया। रोहित का ये दांव चल गया और 13वें ओवर की तीसरी गेंद पर डीकॉक डीप स्क्वायर लेग पर कुलदीप यादव को कैच दे बैठे। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 31 गेंदों पर चार चौके और एक छक्के की मदद से 39 रन बनाए। अक्षर पटेल द्वारा फेंके गए 15वें ओवर में क्लासेन ने 24 रन बटोरे और यहां से मैच भारत की झोली से बाहर जाता दिख रहा था। 16वें ओवर में रोहित ने बुमराह को वापस बुलाया। बुमराह ने सिर्फ चार रन दिए और भारत को मैच में वापसी के रास्ते पर ला दिया। हार्दिक पांड्या ने क्लासेन को 17वें ओवर की पहली गेंद पर आउट कर मैच भारत की तरफ कर दिया।

सूर्यकुमार का कैच 

डेविड मिलर अभी बचे थे और भारत के लिए खतरा थे, लेकिन बल्ले से फेल होने वाले सूर्यकुमार यादव ने आखिरी ओवर की पहली गेंद पर मिलर का हैरतअंगेज कैच लपकते हुए मैच में भारत की जीत लगभग पक्की कर दी हार्दिक पांड्या ने आखिरी ओवर में बाकी रन बचा लिए और भारत को जीत दिलाई। साउथ अफ्रीका की तरफ से महाराज और एनरिक नॉर्खिया ने दो-दो विकेट लिए। मार्को यानसेन और कागिसो रबाडा ने एक-एक विकेट लिए।

रोहित की कप्तानी में चैंपियन बना भारत, 17 साल का खिताबी सूखा खत्म

भारत ने पहली बार साल 2007 में ये ट्रॉफी जीती थी। इसी के साथ भारत तीसरी टीम बन गई है, जिसने टी-20 का खिताब दूसरी बार जीता है। उसे पहले इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के काम कर चुके हैं। भारत ने साल 2013 से चले आ रहे आईसीसी ट्रॉफी के सूखे और 17 साल से चले आ रहे टी-20 वर्ल्ड कप के सूखे को खत्म कर दिया। जिस चमचमाती ट्रॉफी का इंतजार पूरा हिन्दुस्तान सालों से कर रहा था वो भारत के हिस्से आ चुकी है। भारत ने शनिवार को केनसिंग्टन ओवल में खेले गए टी-20 वर्ल्ड कप-2024 के फाइनल में साउथ अफ्रीका को सात रनों से हरा खिताब अपने नाम कर लिया। फाइनल मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी की और सात विकेट खोकर 176 रन बनाए। अपना पहला फाइनल मैच खेल रही साउथ अफ्रीका की टीम ने काफी लड़ाई लड़ी, लेकिन ये टीम 20 ओवरों में 169 रन ही बना सकी और खिताब से महरूम रह गई। भारत दूसरी बार टी20 वर्ल्ड कप का चैंपियन बना है। भारत ने पहली बार साल 2007 में ये ट्रॉफी जीती थी। इसी के साथ भारत तीसरी टीम बन गई है जिसने टी20 का खिताब दूसरी बार जीता है। उससे पहले इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के काम कर चुके हैं। भारत ने साल 2013 से चले आ रहे आईसीसी ट्रॉफी के सूखे और 17 साल से चले आ रहे टी20 वर्ल्ड कप के सूखे को खत्म कर दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- 140 करोड़ देशवासी जीते 

भारत की जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीम को इस जीत के लिए बधाई दी और कहा कि यह टीम इंडिया की जीत 140 करोड़ देशवासियों को समर्पित है। उन्होंने टीम इंडिया का हौसला बढ़ाया और इस जीत का हकदार बताते हुए टीम के प्रदर्शन की सराहना की। प्रधानमंत्री ने देर रात टीम इंडिया की इस जीत की जमकर तारीफ की और इस घड़ी में पूरे देश के साथ खुद भी खुशी जताई।

और जोधपुर में रात को पटाखे छूटे, शहर सड़कों पर आ गया

भारत की जीत का जश्न पूरे देश के साथ-साथ जोधपुर में भी जमकर मनाया गया। पूरा शहर रात को सड़कों पर आ गया। जालोरी गेट, सोजती गेट, 12वीं रोड चौराहा, जलजोग चौराहा, सरदारपुरा, नई सड़क और तमाम इलाकों में लोग बाहर आ गए और भारत के जिंदाबाद के नारे लगे। हर कोई टीम इंडिया की जीत पर जश्न में डूबा था। देर रात तक आतिशबाजी चलती रही। रात को पूरा शहर जाग गया। हर कोई गले मिलकर टीम की जीत की बधाइयां दे रहा था। ग्रुपों में बधाइयां चलती रही। यही नहीं पूरे मैच की कई ग्रुपों में लाइव कमेंट्री चल रही थी। कई इलाकों में मैच का बड़े पर्दे पर प्रदर्शन किया गया। इस जीत के बाद जोधपुरवासियों ने अपने जज्बातों का खुलकर प्रदर्शन किया। आधी रात को मिठाई की दुकानें खुलाकर मिठाइयां बांटी गई। लोग अपने वाहनों पर सवार होकर सड़कों पर उतर आए। चारों तरफ भारत जिंदाबाद और टीम इंडिया जिंदाबाद के नारे लगे। कुछ उत्साहित लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जयकारे भी लगाए।

पूर्व जस्टिस गोपालकृष्ण व्यास की भविष्वाणी सच हुई 

पूर्व जस्टिस और मानवाधिकार आयोग के पूर्व अध्यक्ष गोपालकृष्ण व्यास जो ज्योतिष में आस्था रखते हैं, उन्होंने विभिन्न ग्रहों और नक्षत्रों का आकलन करते हुए टीम इंडिया के जीत की भविष्वाणी की थी। वे पूरे समय तक मैच से जुड़े रहे। टीम के समीकरण पल-पल बदलते रहे। लेकिन उन्हें पूरा भरोसा था कि टीम इंडिया ही जीतेगी। जब अक्षर पटेल के ओवर में 24 रन चले गए और मैच भारत के हाथ से निकलते नजर आ रहा था उसके बाद कई लोगों ने टीवी बंद कर दी। मगर गोपालकृष्ण व्यास को पूरा भरोसा था कि जीतेगी तो टीम इंडिया ही। जब भारत ने जीत का इतिहास लिखा तो अनेक लोगों ने उन्हें फोन कर और ग्रुपों में बधाई देकर उनके साथ टीम की जीत की खुशियां बांटीं।

टीम की इंडिया की जीत पर जोधपुरवासियों की प्रतिक्रिया 

टीम इंडिया मुश्किलों में घबराई नहीं। हमने संभल संभल कर और संयम से मैच जीत ही लिया। यह सही मायने में हमारी जीत है। क्योंकि हमने हारे हुए वर्ल्ड कप को फिर से अपने बल पर अपने नाम किया। पूरी टीम इंडिया को बधाई।

-राजेश भैरवानी, अध्यक्ष श्री जागृति संस्थान

आज का मैच नही था, करोड़ो भारतीयों का टूटा दिल का बदला है। चैंपियंस का सूखा ख़त्म। WE ARE CHAMPIONS….

राजकुमार परमानी ( केमिस्ट), जोधपुर

भारत के सभी खिलाड़ियों ने इस जीत में अपना अभूतपूर्व योगदान दिया, लेकिन अगर मैच जीतने की बात की जाए तो वह सिर्फ याद रखा जाएगा सूर्यकुमार यादव के कैच से ।

रंजन दईया, जोधपुर

ये वर्ल्ड कप पूरा टीम वर्क है। सभी का शानदार प्रदर्शन रहा। सूर्यकुमार के कैच ने मैच को जीता कर हमे वर्ल्ड चैंपियन बनाया।

अमित व्यास, जोधपुर

हर कोई अपनी अपनी लड़ाई अपने तरीके से लड़ता है..भूमिका बदल जाए पर अंदर का जज्बा नहीं बदलना चाहिए..Congratulations कोच साब…. 17 साल बाद आपने अपने तरीके से अपने अंतर्मन की लड़ाई जीत ही ली।

नयवेंद्र व्यास, प्रवीण वर्मा, जोधपुर

जिनको खेलों से लगाव नहीं हैं, क्रिकेट से तो बिलकुल भी नहीं, मैंने देखा कि यह विश्वकप वे भी तल्लिनता से देख रहे थे, और अब विजय समारोह में हमारे साथ नाच रहे हैं। आज की रात जोधपुर सोयेगा नहीं।

प्रजापति शेष, जोधपुर

2011 के बाद 13 साल का इंतजार समाप्त हुआ। हार्दिक के विकेट, सूर्या का कैच, बुमराह का एक ओवर, कोहली के प्रदर्शन व रोहित की भावनाओं से सराबोर कप्तानी में भारत ने जीत का परचम फिर लहराया।। सालों याद रहेगा ये पल।

नन्दकिशोर प्रजापत, उप प्राचार्य, जोधपुर

भारतीय टीम ने विश्व कप ही नहीं 140 करोड़ देशवासियों का दिल जीत लिया। क्रिकेट के इतिहास में स्वर्णाक्षरों से लिखी जाएगा भारतीय टीम की सफलता की यह कहानी। अभूतपूर्व सफलता की बधाई।

आरएस थापा, वरिष्ठ पत्रकार, जोधपुर

पूरी टीम इंडिया के संयुक्त खेल भावना और जज्बे को सलाम I हार्दिक पांड्या ने सोलहवें ओवर में जो विकेट लिया उसने भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई।

विनोद शर्मा, जोधपुर

 

 

Rising Bhaskar
Author: Rising Bhaskar


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