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भूजल मंत्री कन्हैयालाल ने कहा कि विषम भौगोलिक परिस्थिति और भूजल की अत्यधिक कमी से जूझ रहा प्रदेश अटल भूजल योजना से जल के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है। किसी भी राज्य की अर्थव्यवस्था और विकास जल की उपलब्धता पर निर्भर करता है। नवीन उद्योगों की स्थापना भी जल की उपलब्धता वाले राज्यों में अधिक होती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की भूजल को लेकर नवीन नीतियों और कार्यों का ही परिणाम है कि अटल भूजल योजना में अब हमारा प्रदेश सातवें स्थान से तीसरे स्थान पर आ गया है।
भूजल मंत्री बुधवार को अटल भूजल योजना के अंतर्गत राज्य कार्यक्रम प्रबंधन इकाई जयपुर द्वारा राज्य कृषि अनुसंधान केंद्र दुर्गापुरा में आयोजित एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
कन्हैयालाल ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर 25 दिसंबर 2019 को प्रारंभ की गई अटल भूजल योजना वर्तमान में प्रदेश के 17 जिलों में संचालित है। पूर्व प्रधानमंत्री का नदियों को आपस में जोड़ने का सपना राजस्थान के लिए वरदान साबित होगा। उन्होंने कहा कि सिंचाई की ड्रिप, स्प्रिंकलर आदि तकनीकों के माध्यम से पानी बचाया जा सकता है, साथ ही वर्षा जल को बचाने के लिए बेहतर प्रयास होने चाहिए, उपयुक्त स्थानों पर रिचार्ज स्ट्रक्चर बनाए जाएं।
