काव्य रंगत-शब्द संगत-दरखत, पेड़, शजर पर नई कविता का आयोजन होगा
राखी पुरोहित. बीकानेर
प्रज्ञालय संस्थान और राजस्थानी युवा लेखक संघ द्वारा नगर की समृद्ध काव्य परंपरा को नव आयाम देने के संदर्भ में काव्य विधा पर केन्द्रित मासिक शृंखला ‘काव्य रंगत-शब्द संगत की चौथी कड़ी आगामी 30 अगस्त को आयोजित की जाएगी।
कार्यक्रम के संयोजक वरिष्ठ साहित्यकार, केन्द्रीय साहित्य अकादमी नई दिल्ली के मुख्य पुरस्कार एवं अनुवाद पुरस्कार से समादृत एवं राजस्थानी मान्यता आंदोलन के प्रवर्तक कमल रंगा ने बताया कि भाषायी भाईचारे एवं समन्वय के साथ नगर की हिन्दी, उर्दू और राजस्थानी काव्य धारा को नए आयाम एवं नव ऊंचाइयां देने हेतु इसी सकारात्मक नव पहल के तहत उक्त प्रयोजन हेतु आयोजन किया जा रहा है।
कार्यक्रम के समन्वयक कवि एवं शिक्षाविद् संजय सांखला ने बताया कि इस माह का आयोजन आगामी 30 अगस्त को सायं 6ः15 बजे नत्थूसर गेट के बाहर स्थित लक्ष्मीनारायण रंगा सृजन सदन में रखा गया है। इस चौथे आयोजन में पेड़/शजर/दरखत को केन्द्र में लेकर रखा गया है। इसी को केन्द्र में रखकर कवि-शायर अपनी नव रचना का वाचन करेंगे। संस्था के प्रतिनिधि युवा शिक्षाविद् राजेश रंगा ने बताया कि वर्षभर प्रकृति पर केन्द्रित मासिक श्रृंखला में कवि शायर कम से कम आठ बार अपनी नव रचना प्रस्तुति देंगे। उन रचनाओं को एक परामर्श मण्डल द्वारा चयन उपरांत पुस्तक आकार में प्रकाशित करने की भी योजना बनाई जा रही है। इसी संदर्भ में प्रकृति पर केन्द्रित तीन कडिया धरती, आकाश, बरसात, पर हो चुकी हैं। कार्यक्रम प्रभारी कासिम बीकानेरी ने बताया कि कविता विधा पर आधारित इस नव पहल के नव कार्यक्रम जिसके तहत इस बार पूरे वर्ष भर प्रकृति पर केन्द्रित प्रकृति के विभिन्न आयामों को लेकर हिन्दी, उर्दू और राजस्थानी भाषा में प्रति माह नई कविता के साथ कवि-शायर वाचन करेंगे।
कार्यक्रम का संचालन युवा कवि गिरिराज पारीक करेंगे।
