Explore

Search

Sunday, April 20, 2025, 12:25 am

Sunday, April 20, 2025, 12:25 am

LATEST NEWS
Lifestyle

बाबा रामदेव का मेला 5 सितंबर से, गली-गली गूंज रहा- अजमल जी रा कंवरा भूलूं न एक घड़ी…

Share This Post

राखी पुरोहित. जोधपुर

बाबा रामदेव का मेला बाबा की बीज 5 सितंबर से शुरू होगा। कहा भी गया है भादुड़े री दूज नै जद चंदौ करै उजास, रामदेव बण आयसूं राखिजे बिश्वास…। इन दिनों जोधपुर की सड़कों पर बाबा के जातरुओं की रौनक देखी जा सकती है। गली-चौराहों पर बाबा के जयकारे लगाते जातरू देखे जा सकते हैं। हाथ में बाबा की पताकाएं और कांधे पर बाबा के घोड़े उठाए…मौसम की मार सहते हुए आस्था की डगर पर बाबा के भक्त बढ़ रहे हैं। राहें चाहें कितनी ही कठिन है, राहों में चाहे कितनी ही दुश्वारियां हों, बाबा के भक्तों के कदम नहीं रुकते हैं।

इन दिनों पूरे शहर में बाबा के भक्तों की रौनक हैं। राजस्थान के कोने-कोने से ही नहीं गुजरात, महाराष्ट्र, चेन्नई, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार, झारखंड और देश के अन्य भागों से बाबा के भक्त अपने अपने साधनों से पहुंच रहे हैं। कोई बाइक पर आ रहा है, कोई साइकिल पर तो कोई पैदल। हर कोई उल्लासित है। आस्था की पगड़डी पर हर कोई बढ़ रहा है। यह सफर जोधपुर पहुंच कर मसूरिया में बाबा के गुरु बालीनाथजी के दर्शन कर एक पड़ाव के बाद अगले पड़ाव रामदेवरा की ओर बढ़ जाता है।

पूर्व जस्टिस गोपालकृष्ण के गाए भजन की लोगों ने की सराहना

जोधपुर। इन दिनों पूर्व जस्टिस गोपालकृष्ण व्यास की आवाज में गाया एक भजन खूब चर्चित हो रहा है जो लोगों की जुबान पर है। व्यास की माताजी फतह कुमारी भी प्रसिद्ध लोक गायिका रहीं हैं और उनके बताए रास्ते पर चलते हुए पूर्व जस्टिस व्यास को भी संगीत विरासत में मिला है। अजमल जी रा कंवरा भूलूं न एक घड़ी, रुणेचा रा राजा बिसरु न एक घड़ी, भूलूं न एक घड़ी, ओ बाबा भूल न थानै बिसरु न एक घड़ी…। इस भजन को पूर्व जस्टिस व्यास ने अनेक अवसरों पर अनेक समारोह में गाया है। उनके गाए इस ऑडियो को वीडियो रूपांतरित कर कई प्लेटफॉर्म पर पेश किया गया है। राइजिंग भास्कर भी पाठकों के लिए यह भजन लाया है। पूर्व जस्टिस व्यास संगीत के साथ पूरा न्याय करते हैं। उनकी आवाज में आज भी ताजगी है। उम्र उनकी आवाज को प्रभावित नहीं कर पाई है। सरस्वती की उन पर कृपा रही है। पुष्करणा समाज के गौरव पूर्व जस्टिस व्यास राज्य मानवाधिकार आयोग के पूर्व में अध्यक्ष भी रह चुके हैं और उनके फैसले जिस तरह नजीर बने हैं उसी तरह उनकी आवाज और उनकी साहित्यिक साधना भी समाज के लिए नजीर है। एक ही आदमी में इतनी प्रतिभाएं भगवान एक साथ तभी देता है जब विशेष कृपा होती है। पुष्करणा समाज रत्न व्यास ने साधारण परिवार से जो ऊंचाइयां छुई वो अपने आप में एक मिसाल है और उनके देश-समाज के लिए कुछ कर गुजरने के जज्बे को प्रदर्शित करती है। आज के युवाओं को अनायास जब कुछ मिल जाता है तो उनके पैर जमीन पर नहीं रहते। मगर पूर्व जस्टिस व्यास ने हमेशा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की कद्र की है। वे मीडिया की स्वतंत्रता के कभी आड़े नहीं आए और साहित्य के माध्यम से उन्होंने शब्दों को हथियार बनाकर कुरीतियों का विरोध भी किया है। उनकी कविताओं में अध्यात्म, देशप्रेम, राष्ट्र आराधना, पर्यावरण, प्रकृति प्रेम और भगवान की आराधना जैसे विषय समाहित रहते हैं। उनकी उपलब्धियां राष्ट्र चेतना का हिस्सा है। वे अपनी एक कविता में कहते भी हैं लेखक की कहानी का छोटा सा पात्र बनूं मैं…। वें जिंदगी के प्रति हमेशा आशावादी रहे हैं और आशावादी होकर ही वे सृजन के गीत और भजन गाते हैं। यहां बाबा रामदेव के गाए उनके भजन को राइजिंग भास्कर के पाठकों के लिए पेश किया जा रहा है। राइजिंग भास्कर उनके जज्बे को सलाम करता है।

Rising Bhaskar
Author: Rising Bhaskar


Share This Post

Leave a Comment

advertisement
TECHNOLOGY
Voting Poll
[democracy id="1"]