शिव वर्मा. जोधपुर
राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय किसान कन्या नागौरी बेरा के खगोलीय प्रयोगशाला प्रभारी देवेंद्र गहलोत (व्याख्याता भौतिक विज्ञान) ने बताया कि 8 सितंबर को एक विशेष खगोलीय परिघटना पृथ्वी से दिखाई देगी। इसे setran at opposition या “जब शनि विपरीत दिशा में होता है” कहते हैं इसका अर्थ है पृथ्वी सीधे सूर्य तथा शनि ग्रह के बीच में होती है और शनि आकाश में सूर्य के विपरीत दिशा में दिखाई देता है अर्थात सूर्य के अस्त होने पर शनि ग्रह पूर्व में उदय होता है तथा सूर्य के उदय होने पर शनि ग्रह पश्चिम में अस्त होता है
इसका मतलब यह है शनि ग्रह 8 सितंबर की पूरी रात को दिखाई देगा। इस परिघटना के दौरान शनि ग्रह और अधिक चमकीला दिखाई देगा। यह परिघटना पुनः 21 सितंबर 2025 को दिखाई देगी। शनि ग्रह की पहचान उसकी वलय के रूप में होती हैं शनि के चारों ओर बहुत सारी वलय होती हैं।
