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Sunday, April 20, 2025, 6:19 pm

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क्या राजस्थान में लोकसभा चुनाव तक भजन करेगी भजनलाल सरकार! वसुंधरा राजस्थान की मुख्यमंत्री और अशोक गहलोत अगले प्रधानमंत्री होंगे?

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-वसुंधरा और गहलोत के बीच पक रखी खिचड़ी, 40 विधायक लेकर वसुंधरा गहलोत सरकार में शामिल होंगी, पर्ची सरकार की निकलेगी हवा, मोदी और शाह को मिलेगी मात, यह भी संभव है खुद गहलोत वसुंधरा को समर्थन देकर उन्हें ही मुख्यमंत्री बनवा दे

विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि भजनलाल शर्मा सरकार के भजन केवल लोकसभा चुनाव तक चलने वाले हैं, उनके सुंदरकांड पाठ राजस्थान की जनता खूब सुन चुकी, अब फिर गहलोत लौटेंगे अपनी फॉर्म में

अभी जादूगर ने नही टेके हथियार, जादूगर फिर खड़ा होगा, देखते जाओ, आगे-आगे क्या होता है…गहलोत नाम है मेरा, जादूगर हूं मैं…जनता दो माह में भाजपा और भजनलाल के भजनों से ऊब चुकी, ब्यूरोक्रेट भी नहीं चाहते भजन सरकार को

-यह भी संभव है कि वसुंधरा को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनवाकर अशोक गहलोत केंद्र में प्रधानमंत्री की दौड़ में शामिल हो जाए, क्योंकि अब वसुंधरा-गहलोत घायल शेर हैं और घायल शेर कुछ भी कर सकते हैं

-अशोक गहलोत बनेंगे देश के अगले प्रधानमंत्री और गजेंद्रसिंह शेखावत होंगे उप प्रधानमंत्री, जल्दी ही कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं शेखावत, सूत्र बताते हैं कि शेखावत मानहानि का मुकदमा भी वापस लेने वाले हैं 

डीके पुरोहित. जोधपुर

भजनलाल सरकार के भजन लोकसभा चुनाव तक ही चलने वाले हैं। गहलोत की जादूगरी अभी खत्म नहीं हुई है। जादूगर फिर उठ खड़ा होगा। उसके पिटारे में अभी कई खेल बाकी है। उसका सबसे बड़ा खेल साकार करने जा रही है खुद उसकी विश्वासपात्र वसुंधरा राजे। ये वही वसुंधरा राजे है जिनकी और अशोक गहलोत की कभी कोई दुश्मनी नहीं रही। दोनों ने मिल बांट राज किया। इधर जब भजनलाल सरकार बनाने की शपथ ले रहे थे तब वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत हाथ मिला रहे थे। यह उसी दिन साबित हो गया था कि यह हाथ केवल दोस्ती का ही नहीं है बल्कि भविष्य में भाजपा और हाथ का नजदीक होने का है। अभी भी वसुंधरा राजे की मुट्‌ठी में 40 विधायक हर समय मौजूद है। यह 40 उम्मीदवार मोदी और शाह को मात देने के लिए काफी है। जो खून के आंसू मोदी और शाह के रूप में इन जुगल जोड़ी ने वसुंधरा राजे को रुलाए हैं, उनका बदला लेने का अब वक्त आ गया है।

अभी मोदी और शाह एक के बाद एक लोकसभा चुनाव को लेकर चालों पर चालें चल रहे हैं। भारत रत्न घोषित करने में इनका ट्रेलर हम देख चुके हैं। लेकिन राजस्थान का ड्रामा अभी बाकी है। यह भी संभव कि राजस्थान में वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री का ताज सौंप कर अशोक गहलोत केंद्र में प्रधानमंत्री का सपना साकार करने की ओर कदम बढ़ाएं। कुछ भी हो अब कांग्रेस के लिए सत्ता में लौटने के सारे रास्ते बंद हो चुके हैं। जल्द ही जादूगर ने जादूगरी नहीं दिखाई तो राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़के के भरोसे कांग्रेस की वैतरणी पार होने वाली नहीं है। अब कांग्रेस की नैया केवल और केवल वसुंधरा और अशोक गहलोत ही पार लगा सकते हैं। अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे अभी घायल शेर है। घायल शेर तो और भी खतरनाक होता है। सूत्र बताते हैं कि लोकसभा चुनाव से पहले ही राजस्थान में हाई वोल्टेज ड्रामा होने वाला हैं। इसकी शुरुआत हो चुकी है।

ब्यूरोक्रेट अभी भी भजनलाल को मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार नहीं कर पा रहे

इधर राजस्थान में मुख्यमंत्री भलेही भजनलाल शर्मा बन गए हैं, लेकिन ब्यूरोक्रेट उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। कई ब्यूरोक्रेट खुद सत्ता के इस खेल को बिगाड़ने में लगे हुए हैं। पुलिस के एक पूर्व अधिकारी और ब्यूरोक्रेट ने बताया कि अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे में पैक्ट हो चुका है। अब राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा का खेल बिगड़ने वाला है। कांग्रेस में अशोक गहलोत फिर से ताकतवर बनकर उभरने वाले हैं। इसमें वसुंधरा फैक्टर महत्वपूर्ण काम करेगा। वसुंधरा राजे राजस्थान की मुख्यमंत्री बनेगी और अशोक गहलोत देश के प्रधानमंत्री बनने की तैयारी कर रहे हैं। कांग्रेस के पास अभी सब कुछ खत्म नहीं हुआ है। कांग्रेस के पास अगर कोई खेल बिगाड़ने वाला है तो खुद पप्पू उर्फ राहुल गांधी है। इसलिए अभी प्रियंका और राहुल के साथ खड़गे को दूर रखकर अशोक गहलोत को आगे करने की जरूरत है। पप्पू को प्रधानमंत्री पद की लालसा छोड़ देनी चाहिए। क्योंकि जो जादूगरी अशोक गहलोत में है वो राहुल में नहीं है। जो गलतियां अशोक गहलोत ने मजबूरी में राजस्थान विधानसभा चुनाव में की है, उसे सुधारने का अब वक्त आ गया है। अभी भी दो महीने में अशोक गहलोत ने जादूगरी दिखाई तो कांग्रेस का उदय हो सकता है। कांग्रेस का भला केवल अशोक गहलोत ही कर सकते हैं। इस खेल में वसुंधरा राजे का महत्वपूर्ण रोल रहेगा। इसलिए फिलहाल अशोक गहलोत को वसुंधरा राजे को राजस्थान की कमान सौंपकर खुद को मोदी की जगह देश का प्रधानमंत्री बनने का सपना देखना चाहिए। हथियार डालने से काम चलने वाला नहीं है। वैसे भी अशोक गहलोत की अब उम्र हो रही है। बीमारियां उन्हें घेर रही है। क्यों न अंतिम दिनों में प्रधानमंत्री बनने का दांव ही खेल दिया जाए। राजस्थान की कमान वसुंधरा राजे को सौंप कर खुद अशोक गहलोत को देश का प्रधानमंत्री बनने की ओर कदम बढ़ाना चाहिए। नया युग उनके स्वागत को तैयार है।

गजेंद्रसिंह शेखावत खुद अशोक गहलोत से मिला सकते हैं हाथ

विश्वस्त सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि कुत्ते और बिल्ली की तरह लड़ने वाले गजेंद्रसिंह शेखावत और अशोक गहलोत भी हाथ मिला सकते हैं। क्योंकि गजेंद्रसिंह शेखावत की झोली अब खाली नजर आ रही है। सूत्र बताते हैं कि शेखावत की अंदरखाने वसुंधरा राजे, गहलोत से सांठगांठ चल रही है। राजनीति में कोई किसी का बॉस नहीं होता। राजनीति में कोई किसी का दोस्त नहीं होता और ना ही शत्रु होता है। गजेंद्रसिंह शेखावत दो बार सांसद बन चुके हैं और मंत्री भी बन चुके हैं। जोधपुर में तीसरी बार अगर गहलोत खड़े होते हैं तो गजेंद्रसिंह शेखावत को जीतना संभव नहीं है। ऐसे में संभावना बन रही है कि गजेंद्रसिंह शेखावत खुद मोदी का खेल बिगाड़ने में लगे हुए हैं। वे अब तक लोगों को भाजपा जॉइन करवाते रहे हैं और अब खुद कांग्रेस जॉइन कर सकते हैं। बदले में उन्हें देश का उप प्रधानमंत्री पद मिल सकता है। इतना बड़ा पद मोदी राज में उन्हें जिंदगी में नहीं मिल सकता। ऐसे में सूत्र बताते हैं कि अशोक गहलोत और गजेंद्रसिंह शेखावत के बीच समझौता हो चुका है। दोनों के बीच जो मानहानि का मुकदमा चल रहा है, वह भी वापस लिया जा सकता है और जल्द ही गजेंद्रसिंह शेखावत कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा कर सकते हैं। अब इधर किसानों ने भी आंदोलन शुरू कर दिया है। किसान देश की बड़ी आबादी है। किसानों को गहलोत अच्छी तरह हैंडल कर सकते हैं। देश में कांग्रेस के पास अभी कोई ढंग का नेता नहीं है। अब जादूगर को अपनी जादूगरी दिखानी ही होगी। फिर से खड़ा होना होगा और दिखाना होगा कि अभी वे बहादुर शाह जफर नहीं है। वे फिर से क्रांति करेंगे और कांग्रेस की जड़ें मदद करेंगे।

जनता मोदी और शाह की चालें समझ चुकी है, भारत रत्न का खेल भी समझ चुकी है 

जिन-जिन लोगों को मोदी सरकार ने भारत रत्न दिए हैं। उनके पीछे की राजनीति को जनता अच्छी तरह समझ चुकी है। अब लोकसभा चुनाव में कम ही दिन बचे हैं। कांग्रेस को खड़ा होने के लिए अब कोई चांस नहीं है। बस गहलोत पर सारी दारोमदारी टिकी है। मोदी और शाह को मात केवल अशोक गहलोत दे सकते हैं। सूत्र बताते हैं कि वसुंधरा राजे, गजेंद्रसिंह शेखावत और अशोक गहलोत मिलकर मोदी के लिए भष्मासुर बनने जा रहे हैं। गजेंद्रसिंह शेखावत की राजनीति लगभग खत्म हो चुकी है। ज्यादा से ज्यादा उन्हें पिछले रास्ते से सांसद बना दिया जाएगा। लेकिन अशोक गहलोत के साथ रहने से उन्हें देश का उप प्रधानमंत्री बनने का मौका मिल सकता है। ऐसे में सूत्र बताते हैं कि गजेंद्रसिंह शेखावत जल्दी ही कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।

Rising Bhaskar
Author: Rising Bhaskar


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