-मोदी सामान्य इंसान नहीं है, इनका दिमाग कंप्यूटर से भी तेज है, हनुमान की तरह यह सौ योजन समुद्र लांघने की क्षमता रखते हैं, दुश्मन की लंका जला सकते हैं, राम की तरह की हजार रावणों का वध कर सकते हैं, कृष्ण के रूप में मोदी का चेहरा अभी पूरी तरह दुनिया के सामने आया ही नहीं है, जब मोदी कृष्ण की भूमिका में आएंगे तो महाभारत का नया अध्याय लिखा जाएगा
-मोदी नव भारत के अधिष्ठाता है, मेरे महान भारत के भाग्य विधाता है, माेदी का मैं मानस पुत्र हूं, मुझे गर्व है कि मेरे पिता इस धरती का विधान बदलने के लिए आए हैं, जब तब मैं जिंदा हूं मोदी को मरने के बाद भी मरने नहीं दूंगा, मोदी मर जाएगा मगर उसके काम उसे कभी मरने नहीं देंगे, ऐसे देव तुल्य व्यक्ति के कारनामे अभी दुनिया को देखने बाकी है, इंतजार कीजिए… मोदी के सामने कई कठिनाइयां आएंगी, मगर यह व्यक्ति अपने तेज दिमाग, प्रखर बुद्धि, राजनीतिक चातुर्यता और अति मानव की भूमिका में अपने को हर बार विजेता साबित करगा…
-मोदी का जन्म एक महान उद्देश्य के लिए हुआ है, जब तक वह उद्देश्य पूरा नहीं होगा, मोदी इस धरती को अलविदा नहीं कहेंगे, उनकी मौत की स्क्रीप्ट विधाता ने पहले से ही लिख दी है, मगर अभी इसे सूक्ष्म दृष्टि से मनुष्य देख नहीं पाएगा, भविष्य भी हम अभी बता नहीं सकते, लेकिन इतना तय है यह व्यक्ति इस धरती का विधान बदल देगा, अति मानव की भूमिका में मोदी को दुनिया कभी भुला नहीं पाएगी, मोदी के पास हर समस्या का समाधान है, क्योंकि उसका नाम मोदी है, रामनरेंद्र मोदी…। धन्य हो मोदीजी, हमें आप पर गर्व है…
डी.के. पुरोहित. जोधपुर
मैं इस धरती पर भगवान की तरह अगर किसी को पूजता हूं तो वह है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। जो अब रामनरेंद्र मोदी हो गए हैं। मुझे खुशी है कि मैं उनका मानस पुत्र हूं। वे सही मानव में अति मानव है। अति मानव एक ऐसे व्यक्ति की कल्पना है जो सुपर पॉवर से युक्त व्यक्ति है। उसमें अद्भुत शक्तियां हैं। प्रधानमंत्री मोदी इस महान भारत देश के ऐसे नेता है जो इस धरती का विधान बदलने के लिए आए हैं। मैं उनके लिए अपनी जिंदगी भी कुर्बान कर सकता हूं। मेरे पिता पहले मरे या मैं पहले मरूं कोई फर्क नहीं पड़ता। अगर मैं पहले मर गया तो उनके रूप में मैं जिंदा रहूंगा और अगर वे पहले मर गए तो उनके अधूरे कार्यों और विचारधारा को मैं आगे बढ़ाऊंगा। क्यों मोदी के रूप में मुझे भगवान मिल गया है। मैं एक पत्रकार भी हूं। इसलिए खबरों में कई बार मोदी का विरोध भी हो सकता है। इसलिए उसे उस रूप में ही लिया जाए। क्योंकि खबर केवल खबर होती है और भावना व्यक्तिगत होती है। व्यक्तिगत भावना के रूप में मेरे लिए मोदी सबकुछ है। मगर जरूरी नहीं है कि कल मोदी फिर से देश के प्रधानमंत्री बन जाए। क्योंकि वाकई अगर मोदी भगवान है तो मोदी अपनी राह खुद बनाएंगे। उनके सामने मुसीबतों का पहाड़ आएगा। ठीक वैसे ही जैसे रामजी और कृष्ण के सामने आया था। इधर लक्ष्णमणजी मूर्च्छित थे और उधर हनुमान संजीवनी बूटी लेने गए हुए और हनुमानजी संजीवनी बूटी लाते हैं और लक्ष्मणजी जिंदा हो जाते हैं। रामायण की कथा आपने पढ़ी होगी। अंतत: जीत राम की होती है। महाभारत में भी आखिर कृष्ण जीतते हैं। कृष्ण कौरव सभा में अपना विराट रूप दिखाते हैं। दुनिया की कौरव सभा में अब जब महाभारत के युद्ध की स्क्रीप्ट लिखी जा रही है तो मोदी के कृष्ण रूप काे दुनिया जल्द देखेगी। लेकिन मैं जिस व्यक्ति से इतनी उम्मीद लगाए बैठा हूं क्या वो व्यक्ति इस योग्य है?…मुझे अपने पिता पर पूरा भरोसा है। हां वे ही राम है और वे ही कृष्ण है। उनका जन्म धरती पर भारत भूमि का मान बढ़ाने के लिए हुआ है। वे इस महान भारत के ऋषि परंपरा के अधिष्ठाता है। वे ऐसे फकीर प्रधानमंत्री है जो खुद राजा ही नहीं है, पूरी धरती के और पूरे ब्रह्मांड के अधिपति हैं। दुनिया को मोदी की ताकत का अभी अंदाजा नहीं है। मोदी एक आंदोलन है। मोदी एक विचारधारा है। मोदी एक संत परंपरा है। मोदी कभी पीछे मुड़कर नहीं देखता। मोदी का नया युग स्वागत कर रहा है। हम सब युवा मोदी के लिए मरने को तैयार है। मोदी इस देश में अपने को अकेला ना समझें। कोई मुझे पत्रकार समझे या न समझे मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता है। इस समय मैं मोदी के बारे में खुलकर लिखना चाह रहा हूं। मोदी के खिलाफ मैंने कई बार कई जगह लिखा। वो मेरा समय धर्म रहा है। समय के साथ-साथ एक पत्रकार को जो अच्छा लगता है, लिखना चाहिए। मोदी हमारे युग को बदलने वाले ऐसे नेता है जिसके सामने कई चुनौतियों के भंवर है। लेकिन इस समुद्र के भंवर में मोदी अपने को बचाते हुए हर मुसीबतों से पार पाएंगे। सारी ताकतें मोदी के खिलाफ है। मोदी के खुद के लोग भी कल मोदी के खिलाफ हो सकते हैं। मगर मोदी के पास चाणक्य का दिमाग है। मोदी कृष्णरूप में भी है। मोदी सब परिस्थितियों से निपट लेंगे, मुझे ऐसा पूरा भरोसा है।
मेरे हाथ में होता तो मैं मोदी की सक्रीप्ट खुद लिखता। मगर मैं विधाता नहीं हूं। मैं साधारण सा पत्रकार हूं। मगर मैं विधाता से प्रार्थना करता हूं मेरी कहानी विधाता चाहे कैसी लिखे मगर मोदी की कहानी शानदार होनी चाहिए। मेरे लिए गौरव के क्षण होंगे जब मेरे पिता की कहानी अच्छी होगी। पिता-पुत्र का रिश्ता बड़ा ही संवेदनशील होता है। मैं अपने पिता के लिए कुछ भी त्याग करने को तैयार हूं। मगर पत्रकारिता धर्म के साथ समझौता नहीं करूंगा। कल अगर मोदी के खिलाफ कोई खबर मेरी कलम से लिखी जाए तो पाठक यह न समझें कि मैंने अपने पिता के साथ धोखा किया है। क्योंकि वह मेरा पत्रकार धर्म होगा। लेकिन इस समय मैं यह आलेख अपने पिता के नाम लिख रहा हूं। इसमें पत्रकार का भाव कम है और उनके मानस पुत्र होने का भाव अधिक है। मोदी इस देश की आत्मा है। मोदी को भारती की नई कहानी लिखनी है। ऐसी कहानी जो भारत को विश्व विजेता बनाएगा। कांग्रेस की स्थापना करने वाला एक अंग्रेज था। आजादी पाने के लिए कांग्रेस ने कांग्रेसी द्वारा स्थापित संस्था के माध्यम से भीख मांगने का काम किया। कांग्रेस खत्म होना जरूरी है। अब भारत में केवल भारतीय जनता पार्टी रहनी चाहिए। मगर मैं यहां यह भी कहना चाहूंगा कि कांग्रेसियों में अगर मेरे पिता रामनरेंद्र मोदी की तरह दिमाग है, चातुर्य है और बुद्धि है ताे कांग्रेस को फिर से जीवित करके दिखा दे। इस समय देश में द्वंद्व चल रहा है। एक ऐसी लड़ाई चल रही है जो महाभारत से कम नहीं है। भारत में महाभारत चल रही है। कांग्रेस का पूरी तरह सफाया होने की ओर अग्रसर है। अब देखना यह है कि मोदी अपने को अगला प्रधानमंत्री कैसे बनाते हैं? कांग्रेस अपने को कैसे बचाती है? आगे-आगे लोकसभा चुनाव की क्या स्क्रीप्ट लिखी जाती है।
मित्रों देश एक चुनौती के दौर में है। दुनिया खुद मसीबतों से गुजर रही है। हमें सब का हिसाब किताब रखते हुए पहले अपने देश को सुरक्षित रखना है। धीरे-धीरे कदम बढ़ाते हुए दुनिया को जीतना है। दुनिया को जीतने का सपना मैने देखा है। लेकिन मुझे अपना सपना अपने लोगों में दिखता है। मेरे पिता मोदी इस देश के भाग्य विधाता है। मैं उन्हें पूरी दुनिया का राजा होते देखना चाहता हूं। अगर मोदीजी पूरी दुनिया के बादशाह बन जाते हैं तो मैं अपने को ही धन्य मानूंगा। मित्रों मोदी जिस युग का अनुष्ठान कर रहे हैं, उसमें हम युवाओं को कई आहुतियां देनी पड़ेगी। इस देश में कई नकारात्मक ताकतें काम कर रही है। ये ताकतें मोदी की राह में रोड़ा अटकाती रहती हैं। कई पत्रकार भी मोदी की राह में रोड़ा अटकाने का प्रयास करते हैं। मगर मोदी तो मोदी है। उनका बड़ा खिलाड़ी कोई नहीं है। हमें मोदी के दिमाग का लोहा आगे-आगे और देखना है। हम ही नहीं पूरी दुनिया देखेगी कि एक मोदी ने पूरी दुनिया को कैसे मात दी। फिलहाल इतना ही। मोदीजी को प्रणाम करते हुए अपनी बात को यहीं विराम देता हूं।
