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Monday, April 21, 2025, 2:05 pm

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कपास में गुलाबी सुंडी को लेकर कृषि विभाग सजग

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कपास फसल निरीक्षण के दौरान गुलाबी सुंडी का प्रकोप क्षेत्र में अभी तक नजर नही आया

सोहनलाल वैष्णव. बोरुंदा (जोधपुर)

जिले के सहायक निदेशक कृषि महेन्द्रसिंह ने खवासपुरा व घोडावट कृषि क्षेत्र में कपास फसल का निरीक्षण कर गुलाबी सुंडी को लेकर दी किसानों को उपयोगी जानकारी।
सहायक निदेशक कृषि जोधपुर महेन्द्रसिंह ने कपास फसल निरीक्षण करते हुए किसानों से कहा कि कही पर भी गुलाबी सुंडी नजर आये तो अपने नजदीकी कृषि कार्यालय को सूचना अवश्य दी जाये। फिलहाल कपास फसल निरीक्षण के दौरान गुलाबी सुंडी का प्रकोप कही पर भी नजर नही आया है। फिर भी कपास में गुलाबी सुंडी को लेकर कुछ कृषि तकनीकी को अपनाने का फायदा होगा। कपास की फसल 60 दिन की होने पर एनएसकेई का पांच प्रतिशत का छिड़काव करें अथवा निम्बेसीडिन 750 मिलीलीटर प्रति एकड़ में छिड़काव की सलाह दी जा रही है। कपास की फसल 60 से 120 दिन की होने पर मिश्रित कीटनाशक दवाओं के छिड़काव नही करना चाहिए। कृषि विशेषज्ञों द्धारा विभागीय सिफारिश की गई सुरक्षित कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करना अहमं है। फसल की प्रारंभिक अवस्था में गुलाबी सुंडी प्रभावित भाग जैसे नीचे गिरे रोजेटेड फूल व टिण्डों को एकत्रित कर नष्ट करें। प्रभावित ऐसे सभी फूल जिनकी पंखुडियां उपर से चिपकी हो उन्हे हाथ से तोड़कर उनके अन्दर गुलाबी सुंडी को नष्ट किया जा सकता हैं। इस मौके पर कृषि अधिकारी नेमाराम पटेल, सहायक कृषि अधिकारी पुरखाराम, वरिष्ठ कृषि पर्यवेक्षक रेखा चौधरी सहित किसान गणपतराम गोलिया, धनाराम माली व ओमप्रकाश जाखड़ तथा श्यामलाल देवड़ा उपस्थित रहे।

Rising Bhaskar
Author: Rising Bhaskar


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