(पूर्व जस्टिस गोपालकृष्ण व्यास की पानी पर लिखी कविता शाश्वत सत्य है। वे प्रकृति को ही जीवनदाता मानते हैं और प्रकृति को ही सबसे महत्वपूर्ण मानते हैं। प्रस्तुत कविता में यही भाव लक्षित होते हैं। देश-विदेश के पाठकों के लिए उनकी नई कविता पेश है।)
महत्व नीर का
इंसान कहे मैं सबसे बड़ा
इस दुनिया में पीर
धरती का कण कण बोले
सबका रखवारा नीर,
प्यास बुझाकर धरती की
अनाज उगाता नीर,
शरीर में एक तत्व बनकर
ताकत देता है नीर,
कल कल बहते झरने में
कलरव करता नीर,
नयनों को सुख दुख का
आभास कराता नीर,
पावन अवनी को सींचकर
फल फूल बनाता नीर,
जीव का जीवन धरती पर
सुखमय करता नीर,
सागर तालाब में शांत रहता
नदियों में बहता नीर,
पांचों तत्वों में घुल मिलकर
सबको शुद्ध करता नीर,
अपना हाथ छुड़ा कर जाता
आंसू बन बहता नीर
गरज बरस प्यासी धरती को
सब ख़ुशियां देता नीर
महिमा आओ उसकी गाएं
सबका साथी है नीर,
इंद्रदेव बिनती है आपसे
जल्दी बरसाओ नीर,
जीवन बचाने बरसने वाला
अमृत होता है नीर।
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