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Friday, January 3, 2025, 8:53 am

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नाचीज बीकानेरी की एक कविता

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नशे का करो नाश

नशा कर दे घर का नाश ।
आदमी चलती फिरती लाश।।

गुटके- पुड़ी खाओ ना कोई।
तन-मन का हो जाए नाश।।

बीड़ी-सिगरेट से दूर रहना ।
कभी खेलना ना तुम ताश ।।

खांसी- दमा- कैंसर का खतरा ।
नशा आदमी का करता नाश ।।

नशे की लत कर देती सर्वनाश ।
घर में कलह हो जाए सत्यानाश।।

शराब-अमल-डोडा से रहें दूर ।
घर- समाज- राष्ट्र का करदे नाश ।।

कोकीन, हेरोइन, चिट्ठा करे बर्बाद ।
जो बेचे, जो लें उनका करें पर्दाफाश।।

अणुव्रत अपना कर छू लेंगे आकाश ।
आओ सब मिल नशे का करें नाश ।।

मईनुदीन कोहरी “नाचीज़ बीकानेरी “
मो.9680868028

Rising Bhaskar
Author: Rising Bhaskar


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