स्वामी विवेकानंद की जयंती पर संगोष्ठी और निबंध प्रतियोगिता आयोजित
अरुण कुमार माथुर. जोधपुर
कायस्थ जनरल सभा के तत्वावधान में स्वामी विवेकानंद के 162 वे जन्म दिवस पर चौपासनी हाउसिंग बोर्ड सेक्टर 17- ई स्थित कायस्थ सामुदायिक भवन में संगोष्ठी आयोजित हुई। विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी के हिन्दी प्रकाशन प्रमुख अशोक माथुर के मुख्य आतिथ्य एवं अध्यक्ष कायस्थ जनरल सभा नरेश माथुर की अध्यक्षता में आज के संदर्भ में “स्वामी विवेकानंद के विचारों की आवश्यकता” विषयक गोष्ठी आयोजित की गई।
कार्यक्रम संयोजक सन्तोष कुमार माथुर ने बताया कि सर्वप्रथम राशि माथुर ने दीप प्रज्ज्वलित कर दीप ज्योति मंत्र प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया l तत्पश्चात सभी ने ‘इतनी शक्ति हमें देना’ की सामूहिक प्रार्थना से माहौल भक्ति मय कर दिया । तत्पश्चात प्रबुद्धवक्ता एवं साहित्यकार सुनील कुमार माथुर, एलएन भटनागर, रमेशचन्द्र माथुर, इतिहासविद् महेशचन्द्र माथुर, डॉ. रूपेश माथुर, मनीषा माथुर ने अपने उद्बोधन में स्वामी विवेकानंदजी के जीवन से जुडे प्रेरणादायक प्रसंगों के बारे में विस्तार से बताया तथा तथा युवा पीढी से आव्हान किया कि अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए तब तक प्रयत्नशील रहो जब तक उसे हासिल न कर लो।
रामकृष्ण परमहंस के शिष्य स्वामी विवेकानंद ने आध्यात्मिक क्षेत्र में अनेक महत्वपूर्ण आयाम स्थापित किए। कायस्थ जनरल सभा सचिव डॉ. वीरेन्द्र माथुर ने बताया कि इस अवसर पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता में हर्षिता माथुर को प्रथम, स्नेहा माथुर को द्वितीय तथा भुवी माथुर को तृतीय पुरस्कार सहित 20 अन्य चयनित प्रतिभागियों को पुरस्कार व प्रशस्ति पत्र प्रदान किए।
कार्यक्रम संचालन निर्मल कुमार माथुर ने करते हुए स्वामी विवेकानंद सरस्वती के जीवन के अनेक अनछुए प्रसंगों के बारे में बताते हुए कहा कि लहरों के तूफानों को चीर कर पार करने का हौसला रखने वाले ही मजिंल पा सकते है। तूफान से डरकर किनारे खड़े रहने वाले कभी भी सफल नहीं हो सकते है। इसीलिए साहसपूर्वक हर चुनौती का सामना करना चाहिए। अध्यक्ष नरेश माथुर ने कायस्थ जनरल सभा ने भविष्य में समय समय पर कायस्थ विभूतियो की स्मृति में संगोष्ठियां आयोजित कर उनके गौरवशाली इतिहास के बारे में समाज को जानकारी देने की घोषणा करते हुए कार्यक्रम संयोजक सन्तोषकुमार माथुर को सफलतापूर्वक आयोजन के लिए आभार व्यक्त् करते सम्मानित किया।
