कविता : नाचीज बीकानेरी
सब कुछ न कुछ मांगे सारी दुनियां में सारे के सारे, कुछ न कुछ मांगे । कोई खुदा से मांगे तो, चाहे कोई बंदों से मांगे।। कोई मंदिर- मस्जिद – इबादतगाह में जा मांगे । कोई घर – घर मांगे , चाहे कोई चौराहे पर मांगे।। मां – बाप से औलाद, औलाद से मां – … Read more